कुछ लोग जो ऐसे मानते हैं

कुछ लोग जो ऐसे मानते हैं
औरो से ज्यादा वो जानते हैं
रिश्तों कि कीमत वो क्या जाने
जो औरो को खुद से कम मानते हैं
घमंड में ऐसे चूर हैं वो
खुदा को भी बांटा करते हैं
खुद को बड़ा बनाने को वो
इबादत को भी झुठलाते हैं
ऐसो के साथ क्या टकराना
ऐसो से शायद कतराना
वो लोग ऐसे होते हैं
जो खुद को खुदा मानते हैं
नहीं कोई मोल है इनका
नहीं कोई करता सम्मान
फिर भी घमंड में चूर हैं ये
अपने ही मद में मदहोश हैं ये
इनसे वैसे ना घबराना
इनसे वैसे ना टकराना
बैर क्या लेना इनसे
वो खुद के बैरी बैठे हैं-२

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