बिन तिहारे ये जग सूना
बिन तिहारे ये संसार अधूरा
जो मैं जग में ढूंढा किया
तिहारे चरणों में जा मिला
मात-पिता तुम मोरे
बिन तिहारे ये संसार अधूरा
जनम से चला संग तिहारे
अधर खोल सीखा बोलना
कैसे भूलू वो बिसरी बातें
कैसे भूलू वो बिसरे दिन
गोद में तिहारी निकला बालपन
आँगन में तिहारे गुजरा बचपन
सिखा सारा जीवन तुमसे
अब है बारी मेरी
सेवा चाकरी करूँ तिहारी
खुशियाँ चरणों में रखूँ मैं सारी
दिन रात मैं फरक न जानू
सिर्फ अपना संसार सवार्रों
आज कुछ चहुँ तिहारा
तो चाहूँ केवल आशीर्वाद
संग मेरे अपना जीवन निहारो
अपने चरणों में मोहे धर लो
मात-पिता तुम मोरे अनमोल
बिन तिहारे कैसा मेरा जग में मोल||