क्या बिगाड़ा है मैंने तेरा
मैंने तो तेरी कोख है बसाई
क्यूँ हूँ मैं कष्ट तेरा
मैंने तो तेरी पदवी बढाई
क्यूँ तू चाहे मुझे मारना
क्यूँ सहूँ मैं ये प्रतारणा
बन मैं तेरी परछाई जी लूंगी
हंस मैं तेरे बोल सह लूंगी
ना मार मुझे मेरे जनम से पहले
मेरी इतनी तो तू सुन ले
तेरे कामों में मैं हाथ बटाऊँगी
तेरे दुखते पैर मैं दबाऊँगी
मुझे तू जीने दे, जनम मुझे तू लेने दे
तू मुझे जग में आने का अवसर तो दे
जगा तू ममत्व अपना मेरे लिए
ना मार मुझे तू किसी के सुख के लिए
मैं बन सुख तेरा तुझे गीत सुनाउंगी
तेरे हर दुःख में साथ तेरा निभाउंगी
मुझे तू बस जनम ले जग में आने दे
जीने दे माँ मुझे, मुझे बस जनम लेने दे||