ना समझ हमारी सहनशीलता को कायरता
हम तुझे छठी का दूध याद दिला सकते हैं
ना हमें तू बर्बरता का रूप इतना दिखा
हम आज भी तेरे ह्रदय से लहू निकाल सकते हैं
जिनकी तुम भीख पर पलते हो
उनकी वाणी हम मान नहीं सकते
हमारी प्रभुसत्ता को ना दो चुनौती
ना बनाओ हमें तुम अपनी पनौती
गर हम अपनी पर उतर आये कभी
फिर एक बार इतिहास दोहराएँगे
तब हमने तुम्हारा भूगोल बदला था
अब हम तुम्हारा इतिहास बदल देंगे
ना समझो हमारी सहनशीलता को कायरता
हम आज भी तुम्हें दफ़न कर सकते हैं
जैसे तुम्हें पूरब से भगाया था
वैसे ही पश्चिम से नामोनिशान मिटा देंगे||