प्यार की सच्चाई

है मेरे प्यार की सच्चाई यही
जैसे मैं गम में हंसता रहूँ
मुझे वो गम भी अज़ीज़ है 
कि गम में उनकी याद है 
वो याद मुझे अज़ीज़ है 
कि याद में उनका अक्स है
गर खुदा ने किस्मत में यही लिखा है 
तो मैं मोहब्बत का परवाना बन जीता रहूँ
गर जिंदगी में यही बदा है 
तो मैं इश्क का नगमा गाता रहूँ
है मेरे प्यार की जीत इसीमें
वो सितम करे मैं हंसा करूँ
लिए हसरत-ऐ-आरज़ू उनकी
मैं सदा मुस्कुराता रहूँ
जिंदगी में गर यही बदा है 
तो में गम-ऐ-उल्फत में भी हंसता रहूँ
वो चाह कर मुझे चाह ना सके
मैं उनपर खुशी लुटाता रहूँ
उनकी खुशी में मुझे ये गम अज़ीज़ है
कि इस गम में उनकी याद है
वो याद मुझे अज़ीज़ है
कि उस याद में उनका हंसीं अक्स है
गर जिंदगी में खुदा ने ये बक्शा है
तो मैं इश्क का नगमा गाता रहूँ

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