नेतन का अभ्यास

करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान
रसरी आवत जात ही सील पर होत निसान

पर हमरन नेता को देखा बा
कितना का कोसिस करे बा
उनका ना कबहूँ ज्ञान मिले
ना उनका कबहूँ समझ आवे
जभइ देखो उनका लगे पैसा दाबने
जभइ देखो उनका लगे बिदेश भ्रमण करने
लोगन को खाने को दाना नहीं है
उनका खाने तो पैसा चाही
लोगन को पीने को पानी नहीं है
उनका पीने को लोगन का खून चाही
कितना भी उनका समझाने का कोसिस करी
मति अपनी ही भ्रष्ट होवे का चाही
आज का इस दौर मा, एक बात याद राखी
साला इन नेताओं का जूता चप्पल मारी
जहाँ साला तुम्हारा पसीना गिरे
इनका वहाँ ले जाकर तान तान मारी
बुझे इनके अकल मा इतना तो साला
कि जनता जागरूक भई तो जनता का सेवा करी

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *