जीवनपथ पर चलता हूँ मैं
लिए हाथ में विष का प्याला
नहीं ज्ञात है अभी मुझे
अपने ही जीवन की माला
लिए हाथ में विष का प्याला
नहीं ज्ञात है अभी मुझे
अपने ही जीवन की माला
प्रेम प्रतिज्ञा से नहीं हुई है
प्रज्वलित मेरे मन की दीपमाला
प्रतिदिन अखंड रूप से जलती है
ह्रदय में आवेश की प्रचंड ज्वाला
जीवनपथ पर हूँ अग्रसर
लिए हाथ में विष का प्याला
शिव सी मूरत ना बन जाऊं
कहीं पी कर ये जीवन हाला
पथ कठिन है बाधाएं अप्रतिम हैं
कहीं छलक ना जाए आवेश की ज्वाला
संभल संभल कर चलता हूँ मैं
बन कर इस विष का रखवाला
जीवनपथ पर चलता हूँ मैं
लिए हाथ में विष का प्याला
हर पथ पर मोड अनेक हैं
हर मोड पर प्रज्वलित है ज्वाला
हृदयनाद से गूँज रही है
मेरे जीवन की हर शाला
आवेश की प्यास बुझाने को
कहीं पी ना जाऊं विष का प्याला