प्रकृति की गोद

लहरों की चंचलता अठखेलियाँ लगाती हुई
सागर की गहराई उनकी चंचलता समेटती हुई
कहीं दूसरे छोर पर अंबर के आँचल में सिमटी
सूरज की किरणे उजास फैलाती हुई
यही दृश्य है सुबह की बेला में
यही खेल है प्रकृति की गोद में

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