सूरज ने फिर से आस जगाई
नयी किरणे एक नया संदेश लाई
हर तम को ये दूर भगाये
प्रकृति भी जीवन का गीत सुनाये
पेड़ों की शाखें झूम उठीं
पंछी ने फिर से तराने गुनगुनाए
धरती के आँचल में खुशबू छाई
हर कोना नई उम्मीदों से भर आया
चलो उठें, नयी राह बनाएं
हर मुश्किल से अब लड़ना सिखाएं
सपनों को पंख दें, उड़ान भरें
हर लक्ष्य को अपने हृदय से धरें।
जीवन है रंगों का मेला
खुद को खोजने का यह खेला
हर पल है अनमोल खजाना
जी भर के जीना यही है बहाना।