When you were not mine Why did I want you When you were not with me Why did I intend to be with you When the world was standing by Why did I wait for you When the whole world was sleeping Why was I awake for you It was neither my love for you …
I have been like this for ages I have been like this for life Before you met me, I was I After you met me I have been I Your love for me turned me It turned me in who am I Your love for me moulded me It moulded me in what I am I was …
आशाओं से भरा ये जीवनया जीवन से बनी आशाएंकिस बात को हम मानेकिस डगर पर हम जाएंदेखें यदि जीवन कोतो लगता है नीरस बिन आशा केकिन्तु पहलू दूसरा देखेंतो जीवन से भी हैं आशाएं जीवन की हर डगर परबीज आशा का बोते हैंआगे बढ़ते हुए हम जीवन मेंसफलता की आशा करते हैंबिन आशा के जीवन अधूरा …
धधकती ज्वाला में खोया है हर कोई ना अपनों में ना परायों में पाया है कोई दुःख की तपिश में आज जीता है हर इंसान सुख की ललक में बन रहा वो हैवान था वक़्त कभी जब अपनों में बैठा करते थे दुखों की ज्वाला पर अपनत्व का मलहम लगाते थे था वक़्त कभी जब …
डर की ना कोई दवा है ना डर का कोई इलाज यह तो सिर्फ पनपा है अपने ही खयालो के तले डर के आगे ना हार है ना जीत डर के सामने ना है किसीका वज़ूद डर रहता है दिलों में छुप कर नहीं किसी डर का कोई अंत डर कर जीने वालों डर कर जीना …
दिल में यादें बसी हैंकसक बन गयी अधूरी तमन्नाएँवक्त का तकाज़ा है शायदकि दवा भी आज दर्द दे गयी यादों में आज भी ताजा हैवक्त वो, जो गुजर गया कहीं यादों में आज भी ताजा हैवक्त वो जब हम तन्हां नहीं थे एक था वक्त उन दिनोंजब दोस्तों के संग मिल बैठते थेअब वो वक्त है …
अठखेलियाँ खाती नदी की धारा से सीखा क्या तुमने जीवन में क्या सिर्फ तुमने उसकी चंचलता देखी या देखा उसका अल्हड़पन कभी देखी तुमने उसकी सहिष्णुता या कभी देखी उसकी सरलता नदिया के प्रवाह में छुपी अपनी कहानी है उसकी अठखेलियों में भी छुपी जीवन की अटूट पहेली है कैसी शांत प्रवृति से एक नदिया …
वो मरता है तो मरने दो नेता हैं तो क्षमा मांग लेंगे उसके मरने से उनको क्या वो तो सत्ता के नाम मरता है फांसी वो लगाये, चाहे खाए विष नेताओं को उससे क्या लेना है सत्ता के गलियारों में बस दो चार पल उसपर बोलना है किसान हो वो, या किसी का पिता इससे नेताओं का क्या …
यूँ ना जा तू आज दामन छोड़ करकि इस दामन में तेरा बचपन पला हैइस आँचल ने तुझे तपिश में ढंका हैइसी आँचल की छाँव में तेरा लड़कपन गुजर हैना आज तू इस दामन को बेज़ार करना दुनिया के सामने अपनी माँ को शर्मसार करज़िद है गर तेरी कि तुझे खुद चाहिएतो चल उस राह …
ज़िन्दगी के कैसे दोराहे पर खड़े हैंकी जिस और कदम बढ़ाएंगे नुकसान ही हैगम-ऐ-जुदाई गर एक तरफ हैतो रिश्तों के कच्चे धागे दूसरी ओरअब चलें भी तो किस राह चलेंसाथ दें भी तो कि किसका देंआज अपने ही अपनों से बेगाने हैंआज अपनों से ही हम बेआबरू हुएदोराहे पर यूँ खड़े हैं अब हमयूँ ज़िन्दगी …