हृदयनाद

चित्कार आज मष्तिस्क में है जीवन हाला पी जाने की कि कैसे करूँ मैं खाली ये प्याला हो रहा कहीं नव जीवन कोपलित ह्रदयनाद भी हो रहा इस प्रकार नहीं रहा अब जीवन से सम्बन्ध अश्रुओं की माला मैं पीरों रहा पर कैसे करूँ खाली ये प्याला राह नहीं मिलती मुझे अब भटक गया हूँ …

सबसे बड़ी चुप

छल कपट की दुनिया है हर एक है दूसरे से आगे बस कोई कह जाता है अपनी विपदा कोई शांत सहता रहता है सर्वदा स्वर ऊँचा कर कहते हैं जो क्या दबा जाते हैं छल अपना क्या अपने मीठे शब्दों में  कपट छुपा जाते हैं अपना शांत कहीं कोई है जग में तो नहीं उसके …

चेहरा तेरा

देखूं जब भी चेहरा तेरा दिखे मुझे प्यार तेरा हो चाहे फिर सांझ सवेरा दिखे मुझे सिर्फ प्यार तेरा लट यूँ उलझी लटके सर पर जैसे हो मेरे राग की दुल्हन आँखों से छलके बूर तेरा देख पढूं में इश्क का कलमा देखूं जब भी चेहरा तेरा ना रहे मुझे होंश जरा फिर हो चाहे …

ग़मों से नाता

गम से मेरा नाता बहुत पुराना हैकि ग़मों ने मेरा साथ कभी छोड़ा नहींकि गम के सहारे मैं जीता आया हूँकि शराब के प्याले में भी गम पीता आया हूँनहीं मुझे कोई गिला ग़मों की दुनिया सेकि है ग़मों से मेरा रिश्ता आदम के जमाने से||

निर्णय

जीवन की डगर पर हमराह तो बहुत मिले जीवन की इस डगर पर अंत तक का साथ ना मिला मिले बहुतेरे जग में हर किसी की थी अपनी राह इस डगर पर साथ मेरे ना बना कोई हमसफ़र जीवन संध्या के पल पर तुम मिले तो कुछ आस बंधी कि जीवन डगर पर हमें भी …

दुनिया का दस्तूर

देख रहा मैं इस दुनिया का दस्तूर बैगैरत कर हमें प्यार अपना जताते हैं रुसवा हमारे इश्क को कर इज़हार-ऐ-मोहब्बत करते हैं मार कर हमारी इंसानियत को खुदा का दर्ज़ा देते हैं देख रहा हूँ मैं दुनिया के दस्तूर कि बैगैरत कर इश्क जताते हैं तोहमत मेरे प्यार पर लगाईं बेपर्दा मुझे हर बार किया …

जीवन बंधन

बैठ मदिरालय मैं अज्ञानी मैं कर रहा ज्ञान वर्धन इतने ज्ञानी यहाँ मिले हैं नहीं ज्ञान को बंधन दो घूँट मदिरा के उतार हलक से कर रहा मैं क्रीडा आज जान वर्धन करना है उठाया है मैंने ये बीड़ा जीवन की घनघोर घटा से जिस असमंजस में घिरा ज्ञान अर्जन कर उस घटा से आज …

वक़्त गुजर जाएगा

वक़्त गुजार दिया तेरे इंतज़ार में एक फासला तय किया तेरे इंतज़ार में खड़े हैं आज हम सिफार की कगार पर कि खत्म नहीं होता  आलम-ऐ-इंतज़ार समां सा बंधता नज़र आता है फिर एक स्याह रात ढलती है दिन ये भी गुजर जाएंगे तेरे इंतज़ार में मंजीलें तय कर चुके ज़िन्दगी हुई बेज़ार इश्क हुआ …