Sitting in the Comfort of my Home I was looking at the distant Dome Form this Distance I could not make out What was it what they wanted to Carve Out Morning when I woke up from the sleep Reading the news, my breadth stuck-in deep I popped out in the balcony Trying to look …
अबके बरस सावन सुखा बीत गया ना पपीहे की प्यास बुझी ना प्यासी धरती को मिला पानी सूखे खेतों में बैठ, किसान तक रहा अपनी हानि क्या जी रहे हैं इस धरा पर इतने पापी जिनके पाप सह प्यासी धरा है काँपी क्या जन जीवन के लहू से सिंची है धरा कि ना मिली उसे …
With the darkness of the Night Darkness rises in my heart With the Sun no more in the Horizon The Beast can be seen in his black gown The Saint sets to the rest with the dusk Devil comes out of his disguise wearing the musk All that was good becomes the case of past …
दिन ढले कहीं छाँव दिखती है सूरज की तपिश से रहत मिलती है शाम के समय कदम उठते हैं घर को चलते हुए ये थमते हैं कि कहीं दिल के किसी कोने में याद तेरी मुझे सताती है ठिठके से ये कदम यूँ मुडते हैं कि राह छोड़ घर की मदिरालय ढूंढते हैं दिन ढले …
अठखेलियाँ करते तेरे ये नैना दिल का मेरे हरते चैना ना जाने बोलते ये कौन सी भाषा जाने सुनाते हैं ये कौन सी गाथा अल्हड कहूँ मैं इन्हें या कहूँ चितचोर मृगनयन देख तेरे ह्रदय में जैसे नाचे मोर जब देखूं तेरे नैनों में जागे हर अभिलाषा पर समझ ना पाऊं कहे क्या ये, कहे कौन …
था वो मेरा देश जिसमे बसा करता था सोहार्द्र आज उस देश को जला रही है इर्ष्या की अगन देखता जिस और हूँ दिखती है बंटवारे की छवि गणतन्त्र कहलाने वाला मायातंत्र का बना निवाला करो या मरो था जिस देश को कभी प्यारा आज उस देश में गूँज उठा मारो मारो का नारा राजनीति …
अनजान हम सफर सिफर का तय कर रहे थे कुछ लम्हात उनसे दूर जी रहे थे वक़्त के दरिया में हम जिंदगी जी रहे थे ना था कोई गिला ना जिंदगी से कोई शिकवा तन्हाई के आलम में हम सबर कर रहे थे कहीं बादलों से घिरे बरसात को तरस रहे थे ना वो रहे …
Get me through this O’God get me out of this It is suffocating me to death O’God I can see the hell I can now feel like hell O’God, please get me out of this The life today looks like a prison Days pass with a blur vision I don’t understand the reason For my …
आज मन माँ ना दर्शन जोवे छे रे माँ ना दर्शन जोवे छे माँ रे दर्शन माटे आ मन होवे रे रे माँ ना दर्शन माटे आ मन होवे माँ ना दर्शन नी धुन मने लागी रे रे धुन मने लागी माँ ना दर्शन सुख में आ मन तडप्यो जे माँ रे दर हूँ चाल्यो …
न जाने कहाँ वो गुम हो गई है कि जिंदगी में एक खालीपन सा लगता है तन्हाई में उसका अक्स नज़र आता है आज हर पल उसका इन्तेज़ार सा रहता है कुछ वो दिन थे की लबों पर वो थिरकती थी आज हर लम्हा उसकी याद दिलाता है कुछ वो दिन थे की चेहरे पर …