Abstract Poems

लम्हात

आने से उनके कुछ लम्हे बदल से जाते हैं उन लम्हों में हमारी ज़िंदगी बदल सी जाती है चंद उन लम्हों की खातिर जीते हैं  कि उन लम्हों में हमारी कायनात बदल जाती है  जिन लम्हों में उनका साया नसीब होता है  उन लम्हों में हमारी तकदीर बदल जाती है  हसीं हर जर्रा हर खिजाब …

कुछ लोग

कुछ लोग जो खुद को खुदा मानते हैं औरो को कुछ कम आंकते हैं उन लोगों की क्या बात करें जो धरती के सीने पर बोझ हैं कहीं कुछ बोलते हैं कहीं हैं कुछ करते सारी ज़िंदगी बस खुद की हैं सोचते जानते नहीं क्या खुदा है  खुद को खुदा मानते हैं दुनिया में सबके …

जीवन आस

जीवन जो कभी नीरस था जिसमें केवल एक दर्द था लगता आज फिर सुखमय है उसमें तेरे आने से एक आस है दर्द जो था सिने में दबा जिसमें थी एक जीवंत अगन आज वो अगन शांत है  ना उसमें अब एकांत है प्रेम की फिर है एक ज्वाला जली जीवन की फिर एक राह …