Abstract Poems

कुछ लोग

कुछ लोग जो खुद को खुदा मानते हैं औरो को कुछ कम आंकते हैं उन लोगों की क्या बात करें जो धरती के सीने पर बोझ हैं कहीं कुछ बोलते हैं कहीं हैं कुछ करते सारी ज़िंदगी बस खुद की हैं सोचते जानते नहीं क्या खुदा है  खुद को खुदा मानते हैं दुनिया में सबके …

जीवन आस

जीवन जो कभी नीरस था जिसमें केवल एक दर्द था लगता आज फिर सुखमय है उसमें तेरे आने से एक आस है दर्द जो था सिने में दबा जिसमें थी एक जीवंत अगन आज वो अगन शांत है  ना उसमें अब एकांत है प्रेम की फिर है एक ज्वाला जली जीवन की फिर एक राह …