Contemporary Poetry

दिल तन्हा है

आज फिर दिल तन्हा है तेरे साथ भी तन्हा तेरे इन आंसुओं में डूबा फिल आज फिर तन्हा है जाने जैसे तुझे बताऊ कि तेरे इश्क में सराबोर दिल आज फिर तन्हा है तेरे साथ को तरसता  दिल आज फिर तन्हा है कैसे तुझे मैं यकीन दिलाऊं  कि हर पल मैं तुझे चाहता हूँ तेरे …

तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो

मेरी ज़िन्दगी में गर है अब  तो वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो ज़िन्दगी में गर कोई हो  तो खुदा करे वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो  आलम-ऐ-ज़िंदगी में अब गर चाहते हैं किसीको तो ऐ जान-ऐ-वफ़ा वो तुम्ही हो, तुम्ही हो तुम्ही हो गम-ऐ-ज़िंदगी से परे साथ जिसका चाहते हैं तो ऐ …

राजनीति का खेला

देखो मेरे देश में राजनीति का खेला प्रजातंत्र में लगता है राजतंत्र का मेला यहाँ नहीं है कोई किसी का, ना गुरु ना चेला बस सत्ता की दौड़ की यहाँ होती हमेशा बेला जनता चाहे भूखो मरे, या जले उसकी चिता निताओं को केवल रहती है अपनी गद्दी की चिंता नहीं यहाँ आदमी आदमी को …

निष्पक्ष जांच

घोटालों के इस देश में  हर कोई करता घोटाले है जब सामने मामला आता है हम एक ही आलाप सुनते हैं इसकी निष्पक्ष जांच की जावेगी चीरहरण जब यहाँ होता अबला का सरकार फिर वही बात दोहराती जनता के आक्रोश को दबाने को  फिर वही आलाप लगाती इसकी निष्पक्ष जांच की जावेगी बलात्कार यहाँ होता …

सैनिक की चेतावनी

ना समझ हमारी सहनशीलता को कायरता हम तुझे छठी का दूध याद दिला सकते हैं ना हमें तू बर्बरता का रूप इतना दिखा हम आज भी तेरे ह्रदय से लहू निकाल सकते हैं जिनकी तुम भीख पर पलते हो  उनकी वाणी हम मान नहीं सकते हमारी प्रभुसत्ता को ना दो चुनौती  ना बनाओ हमें तुम …

हर पल जीवन के

जीवन के हर पल मैं गहराइयों में उतर जाता हूँ तेरी बाहों में अपनी दुनिया बनाये जाता हूँ तू पास रहती है तब तुझमें खो जाता हूँ दूर तू जब होती है, और तेरा हो जाता हूँ हस पल जीवन का मैं तेरा बन रहता हूँ तेरे टेसुओं में अपनी दुनिया सजाता हूँ पास रहती …