नैनो की भाषा ना समझ पाए ना समझ पाए उनके कुछ संकेत अधरों से वो कुछ बोल ना पाए हृदय को हमारे छू ना पाए बढ़े थे जिस डगर पर साथ उनके उसपर झुककर उन्हे संभाल ना पाए एक छोर तक साथ चले वो हमारे उसके आगे हम उन्हें थाम ना पाए कुछ भाषा ना …
At the juncture of life With the love for my wife I face a serious situation for I has an effect on my relation I am confused to decide if My beloved wife is my life or My life is for my wife A situation is so complex that I have already stretched to max …
कहीं तो आज किसी की याद आएगी छुपते छुपाते कहीं बात निकल आएगी कहीं फ़िज़ाएँ भी गुनगुनाएँगीं यादों की पुरानी परत फिर निकल आएगी निशाँ ज़ख़्मों के कैसे अब छुपाएँगे कि पुराने वक़्त की याद कैसे दबाएँगे दबे हुए रूह के ज़ख़्म फिर तड़पाएँगे परतों से निकल नासूर बन जाएँगे कहीं तो आज किसी की …
Shades of life presented to me The kinds to bend my knee But the bent of my knee Made life to be stung by bee Writing of fate was right there on card Poison of the sting was pretty hard The pain took its toll on my life Felt like my heart was torn apart …
शिव की प्रतिमा बन बैठा हूँ आज हलाहल पीकर भस्मासुर को मैं वर दे चुका आज अपनी धुनि रमाकर समय अब पुकार रहा मुझे है पुकार धुनि तजने की रच मोहिनी अवतार एक बार करना है भस्मासुर पर वार शिव की प्रतिमा बन बैठा हूँ देकर भस्मासुर को मैं वर हलाहल भी पी चुका जीवन मैं …
शिव से पूछो तुम क्या है मुझमें क्यों आज शिव है मुझमें हाला मैं क्या पी आया जग की क्या बन बैठा हूँ शिव की प्रतिमा तन्द्रा ना करो भंग मेरी तुम ना करो मुझसे अब कोई छल कि कब मैं शिव बन जाऊं कि कब मुझमें बस जाए शिव हाला मैं बहुत पी चुका जीवन में बहुत …
मुस्कुराहट से मेरी हाल-ऐ-दिल बयान नहीं होता नज़रों से मेरी मेरे ईमान का गुमान नहीं होता सोचते हो तुम गर मुझे जानते होतो मेरे दीदार से मेरे दिमाग का इल्म नहीं होता कहीं गर तुम मेरे आब -ऐ-तल्ख़ देखोगेतो कहीं मेरे दर्द का हिसाब मत लेनाकि मेरे चेहरे के इंतेखाब-ऐ-आलम सेमेरी हार का हिसाब मत लेना मुस्कराहट …
I still remember the summer time I still remember the wind chime I still remember when our words rhyme I still remember our partnership in crime Over the years of life that passed Through tick and thins that crossed You always had a company Whenever you felt empty and lonely I trusted you forever and …
जब कभी कविता की पंक्तियाँ पढ़ता हूँ तो भाषा का अनुचित प्रयोग का ज्ञान होता है हिंदी में कही जाने वाली पंक्तियों में अन्य भाषाओं के शब्दों का समावेश होता है ना जाने कहाँ विलीन हो गई है परिपक्वता अब तो काव्य की रचना मैं भी है अराजकता भावनात्मक विश्लेषण भी अब नहीं है होता …
कहीं दिन कहीं रात की है बात कि लफ़्ज़ों से मुलाक़ात की है बात नहीं कोई शिकवा किसी लम्हे से हमें गर इस नज़्म का तकल्लुफ़ ना हो तुम्हें कि यहीं एक बात से निकलती है एक बात कहीं दिन तो कहीं रात में गुज़रती है बात लफ़्ज़ों से कहीं तो कहीं अदाओं से कही …