Hindi-Bhajan

इष्ट को नमन

ज्वाला हृदय की क्षीण ना करनाशिव के रौद्र रूप को ना भूलनादुःख किसी का क्या हारोगेनिमित बन मात्र अपना कर्म करोगेशिव ने तुमको भेजा है जग मेंदे डोर तुम्हारी कृष्ण के हाथों मेंबिन शिव बिन कृष्णउठा नहीं सकते एक छोटा कणनिमित्त हो मात्र कर्म करोअपने जीवन को सार्थक करो प्रचंड है रूप शिव काप्रखर है …

हर हर हर महादेव

ॐ हर हर हर महादेवाए नमः  ॐ प्रभु अव्यग्राय नमः  हरि हर अव्यक्ताय नमः  ॐ हरि हरि हरि ॐ शिवाय नमः  तू आदि है तू ही अंत है  तू ही मूरत तू ही लिंग है  तुझसे ही जग हैतुझमें ही जग है विनाशक है तू रचयिता भी तूमानव के मश्तिष्क सेदानव के अंतर्मन मेंबसा है …

ओम नमो गणपतये नमः

परब्रह्म रुपम देवम  प्रणाम है देव नित्यम रूप प्रखर धार कर वक्रतुंड लंबोदरम दान दे आज धरा को विघ्नकर्ता पाप का विनाश कर उथ्थान कर मानव का मानवता को प्रखर कर गणपति गणेश गजनरेश  शिव महिमा का है लम्बोदर आज इस धरा पर प्रचार कर  अपनी शक्ति से हे परब्रह्म  तू मानवता को सद्बुद्धि दे  ओम …

जय जय है जगदंबे

जय जय है माँ दुर्गे  जय जय है जगदंबे तेरा ही आज मैं जप करूँ तेरी ही आज में आरती करूँ तज मोह आज संसार का मैं तेरी ही अब भक्ति करूँ जय जय है जगदंबे जय जय है मात भवानी अनुकंपा तेरी बस बनी रहे जीवन में तेरी शक्ति रहे सांसारिक मोह त्याग कर …

तार आज धरा को

हर हर महादेव जय शिव शम्भो बिगड़ी बना हर वर दे हमको जिस पाताल में आज है धरा जिस पाताल में है अथाह विश भरा उस पाताल से धरा को तू निकाल एक बार फिर आज बन तू त्रिकाल हर हर महादेव जय शिव शम्भो बन त्रिकाल पाप मुक्त कर तू धरा को उठा त्रिशूल …

अम्बा स्तुति

ॐ नमो भगवती भार्गवि  माँ जगदम्बा नमो नमामि  जय जय हे दुःखहरणी  जय जय हे सुखकरणी  नमो नमः शैलपुत्री  नमो नमः दुर्गा कल्याणी  जय जय हे अम्बे गौरी  जय जय हे काली कात्यायनी  नमो नमः ज्योत्सना किराती  नमो नमः चण्डिका महागौरा जय जय हे देवमात्रे पार्वत्यै  जय जय हे धर्मज्ञानायै धर्मनिष्ठायै  जय अम्बे अम्बालिके  अहोशनी  …

कान्हा तू अपनी बांसुरी सुना

कान्हा तेरी बांसुरी सुना अपने लड़कपन की कहानी सुना कहाँ गोपियों संग तू खेला बिरज में कहाँ माखन चुराई तूने गोकुल में कहाँ तूने बालपन बिताया कान्हा तेरी बांसुरी सुना अपने लड़कपन की कहानी सुना अवतरित जो हुआ तू द्वापर में कहाँ तुने अपना बालपन बिताया कहाँ तुझे मैया ने आँचल में छुपाया काल कोठारी …

कान्हा कान्हा पुकारूं

कान्हा कान्हा पुकारू मैं इस कलयुग में  द्वापर के युगपुरुष को ढूँढू मैं कलयुग में कह चला था कभी कान्हा “यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवती भारत अभ्युथानम अधर्मस्य तदात्मानं श्रीजाम्यहम” किन्तु आज नहीं आता नज़र कान्हा कान्हा पुकारूँ में  इस कलयुग में ढूंढूं तुझे आज में  पापियों भरे इस जग में अधर्मी आज हो चला …

ॐ हरि हर हर नमः शिवाय

ॐ हरि हर हर नमः शिवायॐ हरि हर हर नमः शिवायतज संसार बने तपस्वीचढ़ कैलाश बने सन्यासीधरी मृगछाल धरी शरीर पर भस्मीॐ हरि हर हर नमः शिवायॐ हरि हर हर नमः शिवायकर विषपान देवजन तारेधर नाग जो कंठ पर आवेजग में आज नीलकंठ कहावेॐ हरि हर हर नमः शिवायॐ हरि हर हर नमः शिवायरहे जो …