Poem – Haiku

चंद शेर

अपनी बर्बादी के किस्सों को बयान नहीं करतेकि कहीं उनमें अपनी ही कमजोरी होती हैखंज़र-ऐ-दुश्मन गर कभी चल भी जाए तो क्याअपने होसलों से कामयाबी हासिल करते हैं || ना डर तू किसी से ता ज़िन्दगीफिर वो खुद खुदा क्यों ना होसच कि राह पर गर तू चलेगा दुश्मन तो क्या खुदा भी तुझसे डरेगा …

ग़मों से नाता

गम से मेरा नाता बहुत पुराना हैकि ग़मों ने मेरा साथ कभी छोड़ा नहींकि गम के सहारे मैं जीता आया हूँकि शराब के प्याले में भी गम पीता आया हूँनहीं मुझे कोई गिला ग़मों की दुनिया सेकि है ग़मों से मेरा रिश्ता आदम के जमाने से||

चंद छंद – ३

चिंता की चिता में जलता है जीवन का दिया उसपर मौत को बढ़ती डगर है अंधकारमय कैसे जिए तिल तिल इस पाशविक संसार में जहां हर पल भय सताता है जीवन राह में|| —————————————————– चिता जीवन की अब बन रही चहुँ ओर नहीं मानव जीवन का कहीं कोई ठोर ठिकाना नहीं जहां रहे मानव शान्ति …

चंद छंद – २

उजड़ा अगर बसना चाहे तो उसे बसानिर्माण में अगर द्वंद्व है तो उसे जगाचाह है अगर तुझमे बसने की है आदमतो उठ और नाश की प्रवृत्ति से जा टकरा|| —————————————————— अँधेरी रात में दिवा जलाना है तो हे आदमउठ तू प्रकृति के तुफानो से लड़ जाअगर है तुझमे इतना ही दमतो उठ अपनों को साथ …

मुलाक़ात

मुलाकातों का सिलसिला तो इस कदर ही होता हैमिल कर भी ना मिलना अपना नसीब होता हैबातों के सिलसिले में जब जिक्र उनका होता हैतो उनसे मुलाकात को, दिल और भी बेचैन होता है||

चंद् मुक्तक – २

देश के नेता जब हो चोर तो कैसे ना हो संसद में शोर हर पल लूटें जो देश की अस्मत तो कैसे जागे नागरिकों की किस्मत ======================== जहाँ न्यायपालिका करे उनकी रक्षा जहां न्यायाधीश मांगे उनसे भीक्षा जहाँ मिले उनसे गुंडों को दीक्षा कैसे बने वहां नागरिकों की आकांक्षा ======================== जहाँ देश के नेता करें …