अपनी बर्बादी के किस्सों को बयान नहीं करतेकि कहीं उनमें अपनी ही कमजोरी होती हैखंज़र-ऐ-दुश्मन गर कभी चल भी जाए तो क्याअपने होसलों से कामयाबी हासिल करते हैं || ना डर तू किसी से ता ज़िन्दगीफिर वो खुद खुदा क्यों ना होसच कि राह पर गर तू चलेगा दुश्मन तो क्या खुदा भी तुझसे डरेगा …
ज़िन्दगी तन्हा है या तन्हाई है ज़िन्दगी ना कोई मिला कभी जवाब इसका फिर भी कर रहे हम अपनी बंदगी क्या करे गिला क्या करें शिकवा अब
All to say none to actThis all seems to be the PactAll Leaders All PartiesOnly do Electoral Sorties
गम से मेरा नाता बहुत पुराना हैकि ग़मों ने मेरा साथ कभी छोड़ा नहींकि गम के सहारे मैं जीता आया हूँकि शराब के प्याले में भी गम पीता आया हूँनहीं मुझे कोई गिला ग़मों की दुनिया सेकि है ग़मों से मेरा रिश्ता आदम के जमाने से||
चिंता की चिता में जलता है जीवन का दिया उसपर मौत को बढ़ती डगर है अंधकारमय कैसे जिए तिल तिल इस पाशविक संसार में जहां हर पल भय सताता है जीवन राह में|| —————————————————– चिता जीवन की अब बन रही चहुँ ओर नहीं मानव जीवन का कहीं कोई ठोर ठिकाना नहीं जहां रहे मानव शान्ति …
उजड़ा अगर बसना चाहे तो उसे बसानिर्माण में अगर द्वंद्व है तो उसे जगाचाह है अगर तुझमे बसने की है आदमतो उठ और नाश की प्रवृत्ति से जा टकरा|| —————————————————— अँधेरी रात में दिवा जलाना है तो हे आदमउठ तू प्रकृति के तुफानो से लड़ जाअगर है तुझमे इतना ही दमतो उठ अपनों को साथ …
मुलाकातों का सिलसिला तो इस कदर ही होता हैमिल कर भी ना मिलना अपना नसीब होता हैबातों के सिलसिले में जब जिक्र उनका होता हैतो उनसे मुलाकात को, दिल और भी बेचैन होता है||
देश के नेता जब हो चोर तो कैसे ना हो संसद में शोर हर पल लूटें जो देश की अस्मत तो कैसे जागे नागरिकों की किस्मत ======================== जहाँ न्यायपालिका करे उनकी रक्षा जहां न्यायाधीश मांगे उनसे भीक्षा जहाँ मिले उनसे गुंडों को दीक्षा कैसे बने वहां नागरिकों की आकांक्षा ======================== जहाँ देश के नेता करें …
Autumn’s high, Trees sigh Shining sun gives a hi-five All this gives Life a new meaning Then why waste ourselves in ruining