Poem – Hindi

जीवन पत्तों सा

पत्तों से सीखो तुम ज़िन्दगी का अफ़सानाजीते है वो तुम्हें देने को स्वच्छ वायुजीते हैं वो तुम्हें देने को फल और फ़ूलदेते हैं सारी उम्र वो दूसरो कोसूख कर भी वो करते हैं भला सबकापेड़ उनको भले ही झाड़ कर गिरा देंपत्ते फिर भी खाद बन पेड़ के ही काम आते हैंकुछ भी हो रिश्ते …

चंद प्रश्न और प्रार्थना

क्या तुम शान्ति नहीं चाहते? क्या तुम्हारे जीवन में नहीं कोई रस? क्यों तुम फैलाते हो आतंक? क्या यही है तुम्हारा धर्म? क्या नहीं चाहते तुम जीना? क्या नहीं चाहते लाना जीवन में नवरस? क्या तुम ईश्वर को नहीं पूजते? क्या तुम धर्मान्धता में हो डूबे? क्यों फैलाते हो तुम यूँ आतंक? क्या नहीं चाहते …

प्रश्नात्मक नारी स्वरुप

आशा की वो किरण बन कर आई थी तू  और ना जाने कैसे ज्वाला बन गई जीवन अन्धकार दूर करते करते ना जाने कैसे चिता प्रज्वलित कर गई मानसिक संतुलन को स्थिर करते करते ना जाने कैसे मानस को असंतुलित कर गयी कभी बालिका, कभी भगिनी, कभी माता, कभी भार्या इस काया में थी, कब …

परिणय की वर्षगाँठ

प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है वही कल जब तुमसे भेंट हुई थी वही कल जब हम मिले थे प्रतीत होता है जैसे कल की ही बात है किन्तु समय का पहिया घूम रहा था समय का चक्र अपनी गाती पर था जो बात कल की प्रतीत होती है आज उसको २ …

हैदर – एक सूत्र गाथा

विशाल भरद्वाज ने जब बनाई हैदर सोचा उन्होंने कि कहेंगे उसको हैमलेट किन्तु चूक गए वो अपनी करनी में रह गए वो सही विषय चुनने में|| चुना उन्होंने बशारत की कहानी को सन १९९५ में घटित एक जुबानी को किन्तु भूल गए कि कहानी है एकतरफा किसी का हाल बयान किया तो दूजा भूल गए|| …

बलविंदर सिंग फेमस हो गया

किंग मिका सिंह ने हाल में एक मूवी बनाईहै साथ में शान ने उसमें अपने जोहर दिखाएँ हैं दोस्तों मेरे यारों ये मूवी गजब है गानों के साथ इसमें म्यूजिक कि भरमार है बलविंदर सिंग फेमस हो गया नाम है मूवी का 26 सितम्बर को कार्यक्रम है रिलीज़ का मिका और शान दोनों का एक …

भारत से सन्देश

विचारों में तो अंतर आ चुका है,मतभेद भी हैं बहुतेरेअब यदि रहना है यहाँतो रहो बनकर अपनेऔर यदि सोचते हो तुमकी करोगे और एक बटवारातो एक ही संदेश है हमाराजाकर रहो जहाँ दिल है तुम्हाराभारत अब अखंड है और रहेगा अखंडतुम यदि मानते हो खुद को परायातो समझो पडोसी देश को सरमाया||

चंद शेर

अपनी बर्बादी के किस्सों को बयान नहीं करतेकि कहीं उनमें अपनी ही कमजोरी होती हैखंज़र-ऐ-दुश्मन गर कभी चल भी जाए तो क्याअपने होसलों से कामयाबी हासिल करते हैं || ना डर तू किसी से ता ज़िन्दगीफिर वो खुद खुदा क्यों ना होसच कि राह पर गर तू चलेगा दुश्मन तो क्या खुदा भी तुझसे डरेगा …

कुछ लोग जो ऐसे मानते हैं

कुछ लोग जो ऐसे मानते हैं औरो से ज्यादा वो जानते हैं रिश्तों कि कीमत वो क्या जाने जो औरो को खुद से कम मानते हैं घमंड में ऐसे चूर हैं वो खुदा को भी बांटा करते हैं खुद को बड़ा बनाने को वो इबादत को भी झुठलाते हैं ऐसो के साथ क्या टकराना ऐसो …

रुदन

रुदन है ह्रदय में, हाहाकार है मची आज इस संसार में है तेरी कमी मंशा क्या है जीवन में तेरी कि आज रुदन से है जीवन में कमी प्रयासरत हैं तेरी प्रसन्नता के किन्तु नहीं ज्ञात तेरी मंशा रुदन का ही स्वर है उत्तर आज हर ओर है रुदन का ही अस्तित्व खोज रहे हैं …