नीले अम्बर में पंख पसारमन के सपनों को ले उधारचल पड़ो राहों की ओररोक न पाए कोई भी ठौर धूल भरी हो चाहे राहहर मोड़ पर हो चाहे आहदिल में जला लो आशाओं का दीपन हो कोई मंशा अधूरी अधीप हवा हो तेज, या हो अंधियारसंबल रखो, न हो लाचारहर सुबह लाए नई पहचानबस उड़ते …
सूरज ने फिर से आस जगाईनयी किरणे एक नया संदेश लाईहर तम को ये दूर भगाये प्रकृति भी जीवन का गीत सुनाये पेड़ों की शाखें झूम उठींपंछी ने फिर से तराने गुनगुनाएधरती के आँचल में खुशबू छाईहर कोना नई उम्मीदों से भर आया चलो उठें, नयी राह बनाएंहर मुश्किल से अब लड़ना सिखाएंसपनों को पंख …
As the dusk galore with Sun going lowThe day comes to an end taking a bowAs the tranquil night takes overMoon Shines spreading it’s cover Beneath the sky, both vast and wideStars shine and clouds in silence glideSeed of wonder takes its infrequent flightCarried by dreams through endless night The rivers hum, the mountains sighTheir …
Bringing together the learnings that make up successWalking away from the noise that stir restlessMoving around the dust to let it settleDousing the fire to cool the water in the kettle Tired of those who taunt on your classYou are smart to whip them amassAnd then comes the dawn you are all firedTheir taunts are …
It has been wait for years, O’yearsWork has been of the layers, O’layersWe have always been waiting All the Jargons, We been hearing Some called us cattle classNot to enter the Elite MassThey say us only with cattle herdOur voice they never heard Work,Work with zeal and focusLet them feel like locustPut your efforts in …
याद आते हैं बचपन के वो दिनजब खेलते थे हम गलियों में उधम जब करते थे दोस्तों संग हर त्यौहार पर होता था हर्षो-उमंग क्या दिन थे वो भी हमारे अपने कि बारिश की बूंदों में नाच उड़ते थे कलकल करते रह के पानी में कागज़ की कश्ती बना चलाया करते थे ना जाने कहाँ खो गए हैं वो दिन ना …
क्या तुम सोचते हो क्या चाहते हो कभी किसी कदम पर क्या पाते हो जीवन के पथ पर किस और जाते हो हर पल जो करते हो वही पाते हो अथक प्रयन्त कभी निरर्थक नहीं होते फल की आशा से कभी स्वप्न नहीं बुनते निरंतर प्रयास ही सफलता का साधन हैं असफलता के द्वार कभी …
मुस्कुराहट से मेरी हाल-ऐ-दिल बयान नहीं होता नज़रों से मेरी मेरे ईमान का गुमान नहीं होता सोचते हो तुम गर मुझे जानते होतो मेरे दीदार से मेरे दिमाग का इल्म नहीं होता कहीं गर तुम मेरे आब -ऐ-तल्ख़ देखोगेतो कहीं मेरे दर्द का हिसाब मत लेनाकि मेरे चेहरे के इंतेखाब-ऐ-आलम सेमेरी हार का हिसाब मत लेना मुस्कराहट …
विमुद्रीकरण किस प्रकार चिंता जनक है कि विमुद्रीकरण की कतार में हुई मृत्यु एक राजनितिक पहलू बन जाता है बिना किसी पुष्टिकरण है पत्राचार का एक बन जाता है इन बुद्धिजीविओं से विनती है यदि तुम चाहते हो ऐसे ही विषय तो जरा ध्यान लगाना दक्षिण में कुछ वहां भी सिधार गए है अम्मा के …
शाख वो काट रहे, उसी शाख पर बैठकि कुदरत की नेमत पर कर रहे घुसपैठशाख पर हुई चोट से दरख़्त सकपकाया आंधी के झोंके में उसने उस इंसां को गिरायाचोट लगी उसपर तो इंसां चिल्लायाशर्मसार नहीं हुआ ना उसको समझ आयाउठा कुल्हाड़ा उसने दरख़्त पर चलायाइस हिमाकत पर उसकी सरमाया भी गुस्सायाआसमाँ में बादल गरजे, …