Sarcasm

राजनीति का अधर्म

राजनीति का अधर्म है यह या है अधर्म की राजनीति नैतिकता जहां लगी दांव पर व्यक्तित्व का जहां हुआ संहार  आलोचना जो करनी थी नेता की कर बैठे नीतियों का मोल व्यक्ति विशेष पर करनी थी टिप्पणी कर बैठे राष्ट्र का अपमान  इतना भी क्या घमंड वर्षों का इतना भी क्या दम्भ पैसों का इतना भी क्या मोह सत्ता का इतना भी क्या घमंड …

क्या कहें और कैसे कहें

क्या कहें और कैसे कहें कि कहीं छुपा एक राज है कहीं ज़ुबान पर आ गया तो खुदा समझ मेरे जज़्बात हैं कहीं किसी के नूर में छुपे हुए कुछ अल्फ़ाज़ हैं कहीं हलक से सरक गए तो खुदा समझ मेरे हालत हैं कि तकल्लुफ़ ना करना मेरी रूह के दीदार का कहीं दीदार गर …

जीवन द्वंद्व में लीन

जीवन द्वंद्व में लीन है मानव  ढूंढ रहा जग में स्वयं को  नहीं कोई ठोर इसका ना दिखाना  दूर है छोर, ढूंढने का है दिखावा  नहीं किसी को सुध है किसी की  अपने ही जीवन में व्यस्त है हर कोई  ढूंढ रहा है हर कोई स्वयं को  छवि से भी अपनी डरता है हर कोई  …

दम्भ में चूर ईश्वर

दम्भ प्राकृतिक है या प्रकृतिकैसे करें है कैसी यह शक्तिविचार विमर्श भी किससे करेंअपनी व्यथा कहाँ धरेंहर और यहाँ दम्भ है फैलाजीवन को क़र गया मटमैला जिससे पूछो दम्भ की औषधिजताता है वही दम्भ की विधिपंहुचा ईश्वर के भी द्वारकी प्रार्थना कर दम्भ का संहारदम्भ से भरा ईश्वर भी बोलामानव है तू बहुत ही भोला …

एक कवि की पीड़ा

जब कभी कविता की पंक्तियाँ पढ़ता हूँ  तो भाषा का अनुचित प्रयोग का ज्ञान होता है हिंदी में कही जाने वाली पंक्तियों में  अन्य भाषाओं के शब्दों का समावेश होता है ना जाने कहाँ विलीन हो गई है परिपक्वता अब तो काव्य की रचना मैं भी है अराजकता भावनात्मक विश्लेषण भी अब नहीं है होता …

विमुद्रीकरण पर सिकी राजनीति की रोटी

विमुद्रीकरण किस प्रकार चिंता जनक है  कि विमुद्रीकरण की कतार में हुई मृत्यु  एक राजनितिक पहलू बन जाता है  बिना किसी पुष्टिकरण है  पत्राचार का एक बन जाता है  इन बुद्धिजीविओं से विनती है  यदि तुम चाहते हो ऐसे ही विषय  तो जरा ध्यान लगाना दक्षिण में  कुछ वहां भी सिधार गए है  अम्मा के …

नहीं तेरे लहू में वो रंग

लहू तेरा बहा है आज  लुट रही कहीं तेरी अपनी लाज नहीं किंतु तेरे लहू में वो रंग नहीं उस लुटती लाज के कोई संग कहीं दूर कोई धमाका हुआ किसी का बाप, भाई, बेटा हताहत हुआ छपा जैसे ही यह समाचार गरमा गया सत्ता का बाज़ार   नहीं तेरे लहू से इनको कोई सरोकार …