बीते वक़्त का तराना

आज याद आता है वो गुजरा ज़माना बचपन का हर वो तराना था कुछ और ही वक़्त वो जब दूरदर्शन शुरू होता था शाम को क्या वक़्त था वो 80s 90s का जब एक घर में चार नहीं चार मोहल्लो में एक टीवी होता था याद आता है आज वो ज़माना…बचपन का हर तराना वो …

भंग का रंग

बैठ धरा पर देख रहे थेस्वर्ग सा मंजरनाम ले भोले कागटक रहे थे भंग जो आनंद मिला भक्ति काजो हुआ जीवन दर्शनना था कुछ ऐसा बचाजो ना किया किसी को अर्पण निद्रगोश में जब समायेजग सारा लगा न्याराजब खुले चक्षु हमारेहुआ असल ज्ञानार्जन बैठ धरा पर ले भोले का नामभंग के रंग में किया स्वर्ग …

एक वो वक़्त था

एक वो वक़्त था, एक ये वक़्त हैउस वक़्त में तुम हमारे थेइस वक़्त में हम तुम्हारे हैंवो वक़्त हमारा था, ये वक़्त तुम्हारा है वो वक़्त जो गुजर गया हैउस वक़्त में एक विश्वास थाआज वो वक़्त हैजिसमे खुद से विश्वास उठ सा गया है एक वो वक़्त था, एक ये वक़्त हैउस वक़्त …

तेरी चाहत

तेरी चाहत में ज़िन्दगी से बेज़ार हो चले तेरे चेहरे के नूर में खुद को जुदा कर चले फिर भी तेरी चाहत की खदाई ना निभा सके एक भी पल तुझे खुश ना रख सके सदमा रहेगा ता उमरा बेरूखी का जाम जब भी पीयेंगे हम आब-ऐ-तल्ख़ का तेरी चाहत को जो रुसवा किया है  …

ग़मगीन आँखे

ग़मगीन आँखों से दर्द के अफ़साने बह चलेआज हम अपनी कहानी पर रो पड़ेदर्द तो अपना होता हैफिर क्यों आब-ऐ-तल्ख़ बहादर्द तो अपना होता हैफिर क्यों अफसानो का तांता लगासोच फिर हमें यूँ बेताब कर चलीकि आब-ऐ-तल्ख़ में ज़िन्दगी बह चलीग़मगीन आँखों से दर्द के अफ़साने बह चलेआज अपनी ही कहानी पर हम रो पड़े 

धरा का मंजर

आज अम्बर में उड़तेमंजर यूँ सामने आयादेखा का धरा का जो रूपह्रदय आनंदित हुआ बादलों की चादर ओढेअम्बर से मैं चलाचादर ज्यों हटतीदेखता धरा पर तुषार धवल तुषार धवल की परतों सेदिखती वृक्षों की शाखाएंवृक्षों की शाखाओं तलेदिखती मानव बस्ती प्रकृती और मानव की रचना केदेख मेल को ह्रदय उल्लासित हुआदेख अम्बर से तुषार धवलबादलों …

ॐ हरि हर हर नमः शिवाय

ॐ हरि हर हर नमः शिवायॐ हरि हर हर नमः शिवायतज संसार बने तपस्वीचढ़ कैलाश बने सन्यासीधरी मृगछाल धरी शरीर पर भस्मीॐ हरि हर हर नमः शिवायॐ हरि हर हर नमः शिवायकर विषपान देवजन तारेधर नाग जो कंठ पर आवेजग में आज नीलकंठ कहावेॐ हरि हर हर नमः शिवायॐ हरि हर हर नमः शिवायरहे जो …