जीवन हाला

आज पीकर भी इतनी जीवन हालाबूँद नहीं छूटी ना टूटी अश्रुमालाउठा आज मैं पी गया विष का प्यालाफिर भी अटूट है है जीवन मालाप्रताड़ना से भी नहीं रहा अछूताअज्ञानी से बन गया मैं ज्ञान का दाताफिर भी अटूट है मेरी ये अश्रुमालाजीवन हाला से भरा है आज मेरा प्यालापीकर भी उसे अटूट है जीवन की …

गुजारिश – २

ज़िन्दगी जो दी है हाथो में तेरे थाम डोर इसकी बना इसको खुशनुमा कि दर्द हमनें बहुत सहे अब तक अब तेरे साथ ज़िन्दगी जीने की चाह है दर्द-ऐ-दिल है की हर वक़्त तड़पाता है एक तेरा साथ है जो दिल को सहलाता है थाम डोर ज़िंदगी की हाथों में अपने माहौल एक खुशनुमा बना …

नहीं आसां दर्द से बचना

नहीं आसां है दर्द से गुज़रना नहीं आसां है दर्द से बचना ये ढूंढ ही लेता है तुमको  आशियाँ जहां भी हो तुम्हारा समंदर की लहरों में  आसमां में उड़ते परिंदों से काएनात के हर कोने में दर्द तुम्हे ढूंढ ही लेता है घरोंदा कितना भी हंसीं बनाओ इश्क में चाहे जितने भी डूब जाओ …

वर्षा ने धरा पर संहार किया

कारे बदरा कारे मेघाबरसे ऐसे अबके बरसघाटी में वो नीर बहा,जन जीवन हुआ नष्टदेवों की घाटी थी वो,जहां वर्षा ने संहार किया हजारों के प्राण लिए,लाखों को बेघर कियाअबके बरस मेघा ऐसे बरसेधरा पर नरसंहार हुआजो वर्षा करती थी धरा का श्रृंगारउसने ही नरसंहार किया प्रकृति का प्रकोप कहें इसेया कहें मानव का लोभकेदार के …

जाने क्यों नहीं लगता ये दिल

जाने क्यों, जाने क्यों, नहीं लगता ये दिल जाने क्यों नहीं गुजरता है अब दिन राते लगती हैं सदियों सी लम्बी जाने क्यों थम सा गया है ये वक़्त कुछ वो दिन थे जो लम्हों से बहे अब वो दिन हैं सदियों से लम्बे जाने क्यों नहीं लगता कहीं अब ये दिल जाने क्यों ढूँढता …

तुझसे प्यार है

गर कभी सुनो आह मेरी तो समझना मुझे तुमसे प्यार है गर कभी जुबां खामोश हो तो समझना मुझे तुमसे प्यार है गर मैं दर-ओ-दीवार को देखूं तो समझना मुझे तुमसे प्यार है गर रात में चाँद को देखूं तो समझना मुझे तुमसे प्यार है इश्क की अपने मैं क्या दास्ताँ कहूँ कि मुझे तुमसे …

प्रकृति का तांडव

कर आँखें नम नाम दे रहे भगवान् कोमानव की गलती से अंत हुआ मानव काप्रकृति का कर विनाशप्रकृति को ही कोस रहेजब जीना है गोद में प्रकृति कीतो जियो उसकी सुन्दरता मेंविकृत गर करोगे प्रकृति कोतो होगा प्रलय सा विनाश हीतांडव में प्रकृति केमिलाप होगा काल से हीग्रस्त अपनी ही करनी के हुए होफिर प्रकृति …

तुझसे जुदा हूँ पर तन्हा नहीं

तुझसे जुदा तो हूँ मैं पर तन्हा नहीं हूँ यादों में तेरी इस कदर मै डूबा हूँ ना गम-ऐ-तन्हाई की फुर्सत है मुझे  ना तेरे जुदा होने का कोई गिला तुझसे जुदा तो हूँ पर तन्हा नहीं आलम-ऐ-तन्हाई से रूबरू नहीं हुआ तेरी यादों के समंदर में इस कदर मैं डूबा कुछ मंजर इस कदर …