तोरे आवन से रजनी

रजनी तोरे आँचल में जो चांदनी खीली लगे जैसे मोहे मोरी सजनी मिली आवन से तोरे उसके आवन का होए आभास  जैसे अम्बर में हो चाँद का प्रकास रजनी तोरे आवन से सजनी का जोवन भरा रजनी तोरे आवन से सजनी का साथ मिला कहें तोसे का कि तोरे रूप में हमका हमरे जीवन भर …

वो लम्हात

याद हैं मुझे वो लम्हात जब हुआ था दीदार तेरा क्या हंसीं पल था  क्या हंसी था मंज़र चहरे पर तेरे उडती वो लट आँखों में मेरी मौजूदगी का सवाल हाथों में उन चूड़ियों की खनक होठों पर तैरती एक मुस्कराहट वो मंज़र वो पल वो लम्हात  बस गए हैं दिल में मेरे दिया तेरी …

चाहत

पहली तारीख को हुई पहली वो मुलाक़ात दिल में बहार आई कि अभी जवान होगी रात फिलहाल तो दिल कर रहा है मेरा इंतज़ार कि कब आएँगे बनके वो मेरे जाने बहार कैसी है ये शिद्दत कि कब बीतेंगी ये घड़ियाँ जाने कब आएगी वो तोड़ ज़माने की कड़ियाँ जाने कब वो थामेगी मेरा हाथ …