देश की पुकार

आज मुझे मेरा देश पुकारे  कहे मुझसे तू मेरे पास मेरे दुलारे जुड़े मुझसे उस अमिट इतिहास को देख देख तू इसमें बसी पित्रादर की छाया सुन तू प्रेम की मधुर वो झंकार सुन तू अम्बर में छाए मेघों का मल्हार मेरा देश मुझे रह रह पुकारे  कहे बरखा की बूंदों के सहारे निहारता था …

यादें पुरानी

बैठा तन्हा दिल की किताब खोलकर पलट रहा हूँ कुछ पन्ने उसके कुछ यादें पुरानी आयी सामने मेरे कुछ तसवीरें फिर आई नज़र  उन तस्वीरों में कहीं दबी है  उन यादों में कहीं दबी हैं एक याद, एक तस्वीर तुम्हारी कसक जिसकी जवाँ है इस दिल में यादें जो जुडी हैं तुझसे  पल वो जो …

सिला

करते रह गए हम वफ़ा उनसे  कर गए वो ज़फ़ा हमसे  ना उफ़ निकली हमारी जुबां से ना हमने कभी किया गिला उनसे कि करके वफ़ा मिली उनसे ज़फ़ा सिला मिला ये हमें हमारी मोहब्बत का नाशुक्रे बनकर वो हमें बेज़ार कर गए बेजुबान बन हम बस देखते रह गए हम ख्वाब यह देखते रह …

तू है कहाँ

राह पर साथ मेरे बन तू हमराही हाथ थाम तू बन मेरी माही बन हमकदम तू चल साथ मेरे बन हमराज़ तू चल साथ मेरे बहुत हुआ जीवन में जीना अकेले जीवन के पलों में हँसना अकेले थाम तू मेरा हाथ तू चल साथ मेरे बसा मेरा नया संसार जीवन में मेरे चाहूँ मैं अब जीना …

कुसूर-ऐ-दिल

कुसूर क्या है दिल का कि दर्द में इस कदर डूब जाता है  जिस दिल में कभी वो बसा करते थे आज वहां तन्हाई बसर करती है शिकवा गर हम कभी करें तो क्या करें शिकवा गर हम उनसे करें तो क्या करें कि दर्द दिल में उनके भी कुछ इस कदर है सिर्फ वो …

धरा पर राज करते चोर

मेरे देश में देखो कितने भरे चोर यहाँ बिन बरसात भी नाचे हैं मोर चारो ओर बस एक ही शोर घोर कलयुग है कलयुग है ये घोर कहीं है मैडम, तो कहीं दीदी तो कहीं है अम्मा का बोलबाला राज में इनके देखो देश को हर कोई कर रहा इसे सिर्फ खोखला चारो ओर आज …