शुक्रिया

शुक्र अदा करते हैं आपकी नजाकत का कि दिल ही दिल में मोहब्बत तो करते हैं मगर इकरार-ऐ-मोहब्बत का पैगाम  आप अपनी नज़रों से भिजवाते हैं शुक्र अदा करते हैं आपकी नज़रों का कि नज़र-ऐ-इनायत तो करती हैं हया के परदे में छुपा आपकी चाहत को एक इकरारनामा भिजवाती हैं शुक्र अदा करते हैं आपकी …

आज जाने की जिद्द ना करो

आज यूँ जाने की जिद्द ना करो कि राहे ज़िन्दगी से यूँ जुदा ना करो कल की सुबह किसने देखी है  कल तुम शायद हमें ना पहचानो कि आज जाने की यूँ जिद्द ना करो हमें अपनी जुल्फों के साए से यूँ दूर ना करो बेताब बड़ी है ज़िन्दगी आज की रात कि आज की …

भिखारी का प्रश्न

बाज़ार में घुमते घुमाते मिला मुझे एक भिखारी  देख मुझे उसने खाने की लगाईं गुहारी  पूछा मैंने उससे कि है क्या उसकी मंशावह बोला कि दो जून रोटी है उसकी अभिलाषा बैठ पास उसके मैंने उसे समझाया बहुतकर परिश्रम पाए पारिश्रमिक समझाया बहुतथा वह अपनी करनी पर अडिगपूछ बैठा वह प्रश्न अत्यंत ही जटिल ना मुझे कुछ सूझा …

देश की मांग

कहते हैं आज के ये नेता भर के अपनी झोली  पेट भरने के लिए लगाओ 32 की बोली  समझ नहीं आती मुझे इनकी यह पहेली  सुन कर पक्ष उनके मेरी अंतरात्मा भी दहली  खाने को जिस ग्राम में नहीं मिलती रोटी  उस ग्राम के घर घर में मांगते ये मत की बोटी  देते दिलासा दिखा …

सरकार की बिजली की माया – प्रथम प्रयास

चला जब में जीवन डगर में  दिखा सर्व ओर अँधियारा मुझे तभी दिखी दूर मुह्जे रौशनी बढ़ चला में उसी दिशा में पास पहुँच देखा मैंने  रौशनी थी वहाँ लालटेन की चारो ओर उसके थे बैठे बच्चे पढ़ रहे थे अपने पाठ जो पूछा मैंने उनसे क्या है उनका ध्येय बोला एक नन्हा मुझसे दिन में …

सरकार की बिजली की माया

चला जब में जीवन डगर में  दिखा सर्व ओर अँधियारा मुझे तभी दिखी दूर मुह्जे रौशनी बढ़ चला में उसी दिशा में पास पहुँच देखा मैंने  रौशनी थी वहाँ लालटेन की चारो ओर उसके थे बैठे बच्चे पढ़ रहे थे अपने पाठ जो पूछा मैंने उनसे क्या है उनका ध्येय बोला एक नन्हा मुझसे दिन में …