Over the edge of success Lies the fact of life Over the edge of failure Lies the Fact of knowledge People weigh the life with success Forgetting the worth of a failure People hail the success Forgetting the role of Failure Its the failure that paves the way for success Its the failure that teaches …
और भी हैं दुनिया में गम फिर भी दिल तेरे गम में है डूबा और भी हैं चाहतें हमारी फिर भी हम तेरी चाहत से जुदा हैं ना जाने कौन सी कायनात में रहते हैं कि हर पल तेरे ही वजूद का एहसास है ना जाने किन पलों में खोये रहते हैं कि हर पल …
Waging the War of Survival Wading through Life’s tough Water I had landed on the shore of your love You made me feel you are my Dove Turbulence of life seemed to be over Situations no more were of a loser You were so up close and kind You were always there for me to …
तिनका तिनका जोड़ आशियाँ जो बनाया था तेरी जुल्फों के साये में जिसे सजाया था अपने खून-ऐ-जिगर से जिसे बनाया था वो आशियाँ सरे राह बेज़ार हो गया कि सरे राह तू क्या मिली आज तेरे दीदार से फिर भी ये दिल नाखुश था नज़रें तेरी उठी तो हमारी ओर पर उनका रुख हमारी ओर …
अल्फाज़ ऐसे कुछ होते हैं कि दिल को जो छू जाते हैं कुछ दिल में बस जाते हैं तो कुछ फांस बन चुभ जाते हैं अल्फाज़ ऐसे ही कुछ उन्होंने कहे कुछ ऐसे जो हमें अच्छे लगे कुछ ऐसे जो हमें चुभ गए उनकी तस्वीर तक बखेर गए पर क्या करें शिकवा हम उनसे कैसे …
बहती हैं बेहया ये आँखें, जाने किसको याद करके जाने किसके गम में, रह गई में रुदाली बनके जाने किस गली किस चौबारे फिर उनसे रूबरू है होना आज का तो बस यही आलम है कि है रात दिन का रोना ना जाने क्यों याद में उनकी है ये दिल तडपता ना जाने क्यों याद …
Sitting lazily under the open sky Enjoying the breeze & beauty of nature I was pushed to the nostalgic memories The sweet & sour memories of life Gliding through the innocent learning of childhood Gazing past the mysterious adolescent age I arrived at the footsteps of adulthood The moments when hormones strike the chords The …
अलफ़ाज़ तेरे होंठों पर जो नहीं आतेउन अलफ़ाज़ को सुनने को बेताब हूँचाहत तेरी नज़रों में जो दिखती हैउस चाहत के इकरार को मैं बेताब हूँ तेरी जुल्फों में छुपी कायनात मेंबसने को साथ तेरे, मैं बेताब हूँसाथ तेरा गर मिले मुझे सरे राहतो मैं हर राह चलने को बेताब हूँ क़त्ल-ऐ-आम यूँ ना कर …
कहने को क्या कहें कि कहने को शब्द नहीं बाहों में हम किसे लें, अपना कहने को कोई नहीं देखते जिस ओर हैं, समय का दिखता फेरा बढ़ें जिस ओर भी डगर पर दिखता काँटों का डेरा जाएँ भी तो इस जहाँ में कहाँ जाएँ हम स्वर्ग सी धरती पर भी नृत्य करती हिंसा कहने …
भ्रष्ट नेता, भ्रष्ट कर्मचारी भ्रष्ट आज सारा देश है भ्रष्टाचार में डूबी सरकार भ्रष्टाचार का लगा अम्बार गौ चारा खाकर नेता बैठे अपने घर में वीर जवानो की मौत पर भी जेबें अपनी भर गए दूरभाष यन्त्र के तंत्र में भी मिला भ्रष्टाचार और कोयले की दलाली में हाथ काले किये बैठी सरकार हर ओर आज देखो …