When it rained this night Wind blew with all its might The force of the breeze Didn’t let the feelings freeze Trees and branches swayed around Making your figure on the ground How I wish you were around Feelings would have had no bound The rains made it clatter on the roof Soil had the …
रे मैं तेनु वेंखया जद ये आँखां हुई नम रे मैं तेनु वेंखया जद ये सांसां हुई बंद नाम मैं तेरा लेते लेते कर गई खुद से जुंग नाम मैं तेरा लेते लेते हार गयी अपनी जंग इश्क में तेरे अपना हर सुख तज गयी मैं इश्क तुझसे करके मैं बण गयी रांझणा तेरी हीर नाम तेरे …
खड़े जीवन दोराहे पर हमकिस ओर जाएँ हमएक ओर है कर्म क्षेत्रदूजी ओर है धर्मं का निवासजीवन के इस दोराहे पर मचा है ह्रदय में ऐसा द्वन्द गीता का उपदेश है कहताकर्म क्षेत्र की ओर है बढ़नारामायण का सार है कहताधर्मं क्षेत्र में चुकाना है ऋणमष्तिष हो चला है अब मूढ़प्रश्न है जटिल और गूढ़ आज …
अम्बर में जब छाए काले मेघा प्यासी धरती को एक आस लगी बरखा की बूंदे जब सिमटी आँचल में धरा की अपनी प्यास बूझी जन जन में उल्लास उठा हर ओर एक उन्माद दिखा बूंदों ने जब सींचा जड़ों को वृक्षों ने भी श्रृंगार किया देख धरा के वैभव को मयूर ने भी नृत्य किया …
दिवस के प्रथम प्रहार में सूरज अंधियारा हरता है पर मानव के जीवन में हर क्षण मानव ही मरता है भोर भये आँगन में पंछियों का स्वर घुलता है पर मानव के जीवन में हर क्षण कोलाहल ही गूंजता है ब्रह्म मुहूर्त से गोधुली वेला तक मानव के कर्म का चक्र चलता है पर मानव …
लम्हात उस शाम कुछ अजीब थेअफ़सुर्दा उन लम्हात में हम थेमुलाक़ात कुछ उन लम्हात में हुईजिंदगी जब हमसे रूबरू हुई मंज़र-ऐ-उल्फत में जो मुलाक़ात हुईजिंदगी चंद सवालात हमसे यूँ कर गईकि ना कोई जवाब था हमारे पासना हमें इल्म उनके जवाबों के वजूद का चंद सवालात ऐसे पूछे जिंदगी नेकि मेरा वजूद सिहर उठामेरा वजूद …
You swing on your decisions as if You playing a jigsaw puzzle or if You sitting on a See-saw Whenever I spend time with you I feel elated and happy But the moment you turn away from me You seem to be forgetting my existence It so seems that You just deny to accept my …
बन मुसाफिर चला मैं इश्क की राह परढूँढता था मैं अपना हमसफ़रना मिला मुझे हमसफ़रना हुई नसीब इश्क की मंजिलइश्क के जोग ने मेरा अक्स लूटाइश्क के जोग में मेरा घर छूटा बन मुसाफिर चला मैं इश्क की राह परना दिन का अहसास था न थी रात की फिकरबस था मेरे मन में जिंदगी की …
जिंदगी के रंग देखे जिस कदरखून-ऐ-जिगर सूख गयारिश्तों की टूटती डोर देखकरआंसुओं का बाँध टूट गया ज़िंदगी के बिखरे टुकड़े बंटोरतेहाथों का रंग सूख गयाराह के कांटे हटातेचेहरे का नूर सूख गया जिंदगी में अपने जज्बातों को समेटतेयादों का बसेरा खो गयाघर अपना बचाने निकला था मैंराह में अपनी हस्ती भूल गया चाह कर भी …
Here’s a poem dedicated from a Guy to his Beloved – Never did I tell a lie to cut the cake and get a pie I just was wandering when found ur heart just caring thought of the time to share with loads of love and care But then there was this habbit that proved me to …