आँखों में आज जो ख्वाब हैं होठों पे आज वो राग है सच जो हुए सपने मेरे जहाँ मेरा रंगीन है मिल ही गई मंजिल मेरी बाँहों में है जन्नत तेरी ओ साजना, ओ मेरे सजना खिल सी गयी जिंदगी की कली गुजर गए वो लम्हात भी सच जो हुए सपने मेरे मिल ही गई …
हिमालय की चोटी से शत्रु ने ललकारा हैआज बता दो बल कितना है भारत माँ के वीरों मेंसीमा लांघ शत्रु चढ़ आया आज तुम्हारे द्वारेमचा रहा इस धरती पर वो उद्दंड उत्पात रणक्षेत्र में हुआ कोलाहल जागो भारत के वीरोंजाग अपनी निद्रा से भारत माँ की पुकार सुनोलगा हुंकार रण की शत्रु ने तुम्हें ललकारा …
पावन धरा पर राज करते कपूतोंअब तो निद्रगोश से निकलोभटक रहा राष्ट्र में हर पथिकअब तो अपने लोभ त्यागोउठो भारत माता के निर्लज्ज कपूतोंकुछ तो संकोच करोराष्ट्र निर्माण कार्य मेंकुछ तो नव प्राण भरोनव निर्माण कर इस धरा परजन जीवन का मार्ग दर्शन करोउठो धरा के निर्लज्ज कपूतोंकुछ तो जीवन में संकोच करोभोर भई नव …
जीवन में झेले दुःख अत्यंत सुख की नहीं मुझे कोई आशा अश्रुओं से में अपने हृदयाग्नी भडकाता हूँ कुछ ऐसे ही मैं इस संसार में अपना जीवन यापन करता हूँ ना ही अब कोई आस है ना ही निरास जीवन से कोई भय निर्मोही निरंकार हो चला मैं अपने ही ह्रदय को आहात करता हूँ …
जो तुम संग मेरे आये, जीवन ने कुछ गीत सुनाये मद्धम से पुरवाई में महका मेरा आँगन जो तुम संग मेरे आये, जीवन ने यूँ गीत सुनाये सुबह के धुंधलके में, पंछियों ने पंख फडफडाये जिस पल नैन मैंने खोले, आमने तुमको पाया निंदिया कि गोद में भी, सपनों में तुम्हे पाया सजी संवारी दुल्हन …
आज नहीं फिर कभी मिलना हमसे अकेलेआज नहीं फिर कभी कर लेना हिसाब हमसेलफ्ज़ नहीं हैं आज हमारे पास बयां करने कोफिर कभी सुन लेना बेवफाई का सबक हमसेआज नहीं फिर कभी कर लेना हिसाब हमसेकि नहीं है पैमाना आज दर्द का पास हमारे ना जाने क्यूँ जिंदगी में हम यूँ जीते आये हैंना करना …
घर से निकला था मैं जाने तो पाठशालापर रास्ते में ही मिल गई मुझे मधुशालामधुशाला में जा बैठा मैं भर अपना प्यालातभी देखी शिव पर चढती एक मालादेख शिव की प्रतिमा मधुशाला मेंखोजने चला मैं सत्य की राह मेंपहुंचा फिर मैं मधुशालाबहुत खोजा सत्य पर मुझे ना मिलाफिर बैठ मधुशाला में भर अपना प्यालाजो घूँट …
Why oh Why do you trace meWhy don’t you let me live with my loveWhen I just want you to be with meYou just go ditching meBut now when I was living in loveWhy you had to come back to me Why is it that you keep bugging meWhy you want to keep hugging meWhen …
जब कभी सोचता हूँ में तुम्हारे बारे में बस खो सा जाता हूँ तुम्हरे ही ख्यालों में ना जाने क्यूँ फिर ख़्वाबों में तुम हो होती हो ना जाने क्यों लबों पे तुम्हारा ही नाम होता है कि आज ना तुम हो ना ही तुम्हारा पैगाम फिर भी क्यों आब-ऐ-तल्ख़ पर नाम तुम्हारा है कुछ …
करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजानरसरी आवत जात ही सील पर होत निसान पर हमरन नेता को देखा बाकितना का कोसिस करे बाउनका ना कबहूँ ज्ञान मिलेना उनका कबहूँ समझ आवेजभइ देखो उनका लगे पैसा दाबनेजभइ देखो उनका लगे बिदेश भ्रमण करनेलोगन को खाने को दाना नहीं हैउनका खाने तो पैसा चाहीलोगन को पीने …