जीवन प्रण

धीर धर बैठे हैं धरा परबादलों की ओढ़ चादरना अब चाह है सुरबाला कीना है कोई चाह मधुशाला केअधरों पर अब है देव मंत्रमष्तिष्क में है निर्मोह का तंत्रसाधू बन कर रहे हैं तपस्याना है अब जीवन में कोई आसअटल है अब मेरा ये प्रणनहीं हारना है जीवन रणबहुत बहा नैनों से नीरबहुत हुआ जीवन …

तलाश-ऐ-जिंदगी

हम जिंदगी की तलाश में जिंदगी को खो बैठेनिकले थे प्यार की तलाश में, खुद को ही खो बैठेअज़ाब-ऐ-इश्क से दूरखुशियों को तलाशते थेआज हम खुशियों से दूर हो गएतलाश-ऐ-जिंदगी में जिंदगी से दूर हो गए लबों पर लेकर तेरा नामख्वाब में करके तेरा दीदारना हुआ ये एहसास हमेंकि दर्द दिल में दर्द का सैलाब …

तेरे नैनो की ये भाषा

तेरे नैनो की ये भाषालज्जा की हो जैसे परिभाषाकोई जाने ना क्या है इनका संदेशाकोई जाने ना कैसी है इनमें याचना अंतर्मन में सुर तेरे ही नाद करेंह्रदय में तेरे ही गीत गुनगुनाऊंतू जो रहे साथ मेरे इस जीवन मेंमैं तेरे ही गीत गाऊंतू सुनती रहे ऐसे गीत मैं गाऊंतेरे नैनो की ये भाषा, जाने …

क्या थी खता

गर धडकन ही बंद करनी थीतो इस पत्थर को दिल क्यों दियागर अंधेरों में तन्हा छोड़ना थातो जिंदगी में उजाला बन आई क्यों क्या खता थी हमारी कि ये सिला दियाबन मोहब्बत आई मेरी जिंदगी मेंऔर तन्हाई का दामन थमा गईग़मों से तू मेरी जिंदगी डुबो गई इश्क में हमने कभी सौदा ना कियाऔर सौदे …

प्रेम प्रसंग

प्यार तो मैंने किया तुमसेपर मैं तुम्हारा प्यार ना पा सकाभरोसा तुमपर किया मैंनेपर तुम्हारा भरोसा ना पा सका तू ना मेरी बन सकी कभीना मुझे कभी अपना बना सकीना था छल, कपट हमारे बीचपर ना पनपा कभी विश्वास भी आज तू चली फेर कर आँखेंछोड़कर मेरी ये दुनियाअकेले ही अब चलना है मुझेअकेले ही …

जिंदगी

जिंदगी तुझसे क्या गिला करेंकि तुझसे हम क्या शिकवा करेंगर साथ ही नहीं तकदीर हमारीतो आंसुओं से तेरा दामन क्यों भरेरंज-ओ-गम की इस महफ़िल मेंक्यों रुसवा तुझे करें हमदामन में तेरी खुशियाँ हैं मेरीरुसवाई में है राहे तन्हाई

मासूमियत

कितनी मासूमियत से आपनेअपने ज़ख्मों का हिसाब रखा हैकि हिजाब में छुपा आपनेअपने लबों पर लफ़्ज़ों को रोका है कभी जिंदगी के किसी मोड परक्या आपको अपना सितम याद आएगाकि आपकी ही मेहरबानी हैजो आज एक इंसान खुद से अजनबी हो चला है कितनी मासूमियत से आपनेहमसे एहसास-ऐ-जुदाई बयान किया हैकि हिजाब आपका आज बन …