गुजारीश वफ़ा-ए-सनम से

गुजारिश आज आपसे है ऐ सनमदे सको तो देना खुशी न देना गमकि गम का समंदर होता बहुत गहरा हैमाझी तो छोडिये साहिल तक डूब जाता है कि गम-ऐ-उल्फत में हम ना जी सकेंगेतेरी तनहाई में जाम भी ना पी सकेंगेकि पैमाना भी जब उठाते हैंकमबख्त उसमें भी तेरा अक्स नज़र आता है सोचते हैं …

गुजारिश

तुझे चाहने की सज़ा पाता हूँतेरे ही गम में अपना लहू जलाता हूँना चाहते हुए भी अक्सर तेरे अक्स मेंमैं अपनी रौशनी ढूंढें जाता हूँरोशनाई कहीँ कम ना पडेये सोच के अपने लहू सेमैं ये नज़्म लीखे जाता हूँगुजारीश करता हूँ आपसे आजना ही करो रुसवा यूं मेरी चाहत कोना झुकाओ पलकें यूंभर नफ़रत नीगाहों …

Will Wait be Ever Over?

Does Wait ever get over? The thoughts as they hit me at this hour today the 22nd June 2007 at the Hyderabad airport waiting for my flight and listening to Music touching my soul – Read On – ___________________________________________________________________________ When I was a kid, I waited Waited for parents to permit Waited for teachers to …

दिल की कलम से

किसी ने कभी सही कहा था…कि दीखता है मंजर असलीबजते हैं साज़ सारे…जब छेड़ दो तार दिल केनहीं मालुम क्यों….तुमने आवाज़ दी …और हम रो दिए ….आंसुओं की जगह कलम सेकागज़ पर येशब्द बिखेर दिए …