Month: May 2013

अंतर्मन का द्वंद्व

बिन बादल इस पहर लगी बरखा की झड़ी अंतर्मन को जाने क्या गया चीर नैनो से ढलक गया जाने क्यों नीर प्रकट कर गया जैसे वो ह्रदय की पीड जाने कौन सी गाथा जिसमें उलझा चित्त गया जिसमें जीवन का सपना मिट ना जाने कौन सी बेला है कि टूटा हर सपना भूल गया जिस …

चंद छंद – ३

चिंता की चिता में जलता है जीवन का दिया उसपर मौत को बढ़ती डगर है अंधकारमय कैसे जिए तिल तिल इस पाशविक संसार में जहां हर पल भय सताता है जीवन राह में|| —————————————————– चिता जीवन की अब बन रही चहुँ ओर नहीं मानव जीवन का कहीं कोई ठोर ठिकाना नहीं जहां रहे मानव शान्ति …

चंद छंद – २

उजड़ा अगर बसना चाहे तो उसे बसानिर्माण में अगर द्वंद्व है तो उसे जगाचाह है अगर तुझमे बसने की है आदमतो उठ और नाश की प्रवृत्ति से जा टकरा|| —————————————————— अँधेरी रात में दिवा जलाना है तो हे आदमउठ तू प्रकृति के तुफानो से लड़ जाअगर है तुझमे इतना ही दमतो उठ अपनों को साथ …

एक बार तू मुस्कुरा दे

है ग़मगीन बहुत आलम-ऐ-ज़िन्दगी फिर भी कर रहे हम खुदा कि बंदगी कि खुशियाँ वो मेरे दामन में भर दे कि मुस्कराहट वो तेरे चेहरे पर भर दे गम के इस आलम में तो हम जी लेंगे ग़मों से भरे ज़िंदगी के कसीदे भी पढ़ लेंगे कि गर तुम एक बार मुस्कुरा दो ऐ हंसीं …

चीन की घुसपैठ

लद्दाख में चीन की घुसपैठ पर कुछ पंक्तियाँ ——————————————– चीन से आया जो घुसपैठिया उसको लद्दाख में घर बनाए दो घर जो उसने बनाया वहाँ सरकार को बात करने दो अफसरों को और फौजियों को चुप रह सहने की सलाह दो नेताओं तो इसपर राजनीति करने दो बाबुओं को इसपर थोडा सोचने दो मंत्रीजी को …

ज़िन्दगी का एहसास

ज़िन्दगी में प्यार का प्यार में तकरार का तकरार में चाहत का चाहत में मोहब्बत का अपना ही एक सिला होता है मोहब्बत में जुदाई का जुदाई में दर्द का दर्द में चाहत का चाहत में ज़िन्दगी का अपना ही एक जज्बा होता है जज्बातों की इस महफ़िल में शुमार जब तुम्हारा खुमार हो तुम्हारे …

एक खबर से दबी दूसरी ख़बर

सरबजीत सिंह की मृत्यु ने देश तो झंकझोर कर रख दिया, और इसपर मेरे एक मित्र अनूप चतुर्वेदी ने एक कविता लिखी….जिसको मैं आपके लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ|  किन्तु उनकी कविता ने मुझे चंद पन्तियाँ लिखने पर प्रेरित किया, जो उनकी कविता के बाद आपके लिए प्रस्तुत हैं – अनूप चतुर्वेदी की कविता – …