Poem – Hindi

देवस्थली का मरघट

काव्य की इन पंक्तियों मेंलहू के दो रंग दिखते हैंशिव शम्भू की इस धरती परनरमुंड और कंकाल ही दिखते हैं अग्नि जो आज प्रज्वल्लित हुईकर रही नरसंहार हैविस्फोटों की इस गर्जन सेगूँज रही प्रकृति अपार है… मुकुट भारत के शीश काआज रक्त से सराबोर हैदेवों का निवास था जो कभीशान्ति का वहाँ अकाल है इतने …

स्मृति

शहर छोड़ चले हमचले अज्ञात अंधियारों मेंस्मृति बस रह गयी हैं उन गलियों चौबारों की जहाँ खेल हम बड़े हुएजहाँ सीखा हमने चलनाबोल चाल की उस दुनिया सेचले होकर हम अज्ञानी  राह बदली शहर बदलेबदली हमारी चाल भीना बदला कुछ तोथी वो हमारी स्मृति ही भूलना चाहा बहुत हमनेचाह थी कुछ ऐसी हीछोड़ चले थे …

हिम की धधकती ज्वाला

हिम की सिल्लियाँ उडी हवा मेंसाथ उडी कुछ मानव देह भीसर्द इस संध्या में गूंज उठी घाटीगर्जन हुई ऐसी, दहल गयी दिल्ली भी श्वेत चादर से ढंकी ये घाटी थी कभी शांती का प्रतीक आज सजी है ये लहू सेधधकती कुछ ज्वाला सी ज्वाला जो प्रज्वलित करती देवों की दीपमाला कोआज प्रज्वलन कर रही वोइस …

मेरा देश

तकनिकी रूप में प्रगतिशील है मेरा देशफिर भी विचारात्मक रूप से गरीब है आज विश्व में द्वितीय सबसे बड़ा है येफिर भी गरीबों से भरा है मेरा देश कमी नहीं है धन और धान्य की यहाँकिन्तु जमाखोरों की तिजोरी में भरा हैहैं बहुत सी संपत्ति, धरोहर मेरे देश कीकिन्तु अन्य देशों में जमा है सब …

निवेदन

जीवन में ये स्थिरता ये ठहराव क्यों हैक्यों लगता है कि कुछ कम हैतेरे आने से पहले जो ना थातेरे आने के बाद आज सब है यदि आज कुछ कहीं कम है   तो है तेरे आलिंगन की अनुभूतीहै  वो मधुर मध्धम वाणी के बोलकम है आज समय तेरे साथ बिताने को ज्ञात है मुझे …

हृदयगाथा

नैनं में नीर है, मष्तिष्क में अस्थिरताचित्त  मेरा है आज अशांति का प्यालाह्रदय में पीड़ा है, पीता मैं जिसकी हालाअर्पण की है जीवन ने मुझे ऐसी अश्रुमाला प्यास तेरी मैं कैसे बुझाऊं प्रिये  जब पीता हूँ खुद  ह्रदय की ही हालाव्यथा कुछ ऐसी है जीवन कीकि है मेरा मन ही एक मधुशाला मधुता जीवन की …

सफलता की कुंजी

पथ  में अडचने आएंगी बहुतसाथी  कहेंगे सारे कटुवचनकिन्तु निश्चय कर तुम आगे बढ़ोअथक परिश्रम से तुम कभी ना डरो लक्ष्य पर केंद्रित करो तुम ध्यान संभल के करो अपना हर जतनकठीनाइयों का तुम करो सामनासफलता की सदा करो आराधना अडिग रखो तुम अपना विश्वासअचल रखो तुम अपना ध्यानतभी होगी जीत तुम्हारीतभी पूरी होगी तुम्हारी कामना

अभिव्यक्ति

मैं गरीब बोल रहा हूँऔर मैं विचारों से गरीब हूँमेरी गरीबी पैसों से नहींमेरे अव्यक्त विचारों से है बचपन में अपने मैंनेममता की गरीबी देखीउस  गरीबी से मेरेममत्व पर विचार  अव्यक्त हैं पाठशाला में अपनी मैंनेशालीनता की गरीबी देखीउस गरीबी से मेरेशालीन विचार अव्यक्त हैं महाविध्यालय में मैंनेविध्या की गरीबी देखीउस गरीबी से मेरे  कर्त्तव्य …

लक्ष्य

ढूंढता हूँ बहुत दिनों से मैंगहरे सागर में एक मोतीतपिश बहुत की है मैंनेजीवन  अपना सवारने की तपन  तो हुई बहुत मुझेगहन चिंतन मनन मेंदृढ़  निश्चय कर फिर भी चला मैं जीवन डगर पर अडचने बहुत सी आईंहुई बहुत सी द्विविधाकिन्तु अडिग रहा मैंअपने ही प्रयत्न में ना मुझे अब विजय की चाह है  ना …

भ्रष्टाचार की विनती

ना दो मुझे यूँ ताने, ना दो मुझे गालियाँमैं खुद नहीं जन्मा, अंग्रेज मेरे जन्मदाता हैंबरसों से सत्ता के कमरों में कैद हूँचंद अफसरों का में एक सेवक हूँकूटनीति की चिकनी मिटटी से लिपातुम्हारे ही आलिंगन में सजी एक सेज हूँसदिओं के इस नाते को क्या ऐसे ही छोड़ दोगेएक अन्ना के कहने पर नाते …