Sarcasm

कुछ तो लोग कहेंगे

कुछ तो लोग कहेंगे  जोक्स से वो जरूर चिढ़ेंगे  उनको तो बस करना है मनमानी  बद्तमीजी है उनको करनी  क्या खुद कहते हैं क्या खुद करते हैं  उससे बेपरवाह रहते हैं  लेकिन दुनिया में कहीं कोई कुछ करे  तो उसपर ऐतराज़ करते हैं  खुद दुनिया को कहें अपशब्द  तब खुद का बड़प्पन मानते हैं  वहीँ …

मरता है तो मरने दो

वो मरता है तो मरने दो  नेता हैं तो क्षमा मांग लेंगे  उसके मरने से उनको क्या  वो तो सत्ता के नाम मरता है  फांसी वो लगाये, चाहे खाए विष  नेताओं को उससे क्या लेना है  सत्ता के गलियारों में  बस दो चार पल उसपर बोलना है  किसान हो वो, या किसी का पिता  इससे नेताओं का क्या …

हैदर – एक सूत्र गाथा

विशाल भरद्वाज ने जब बनाई हैदर सोचा उन्होंने कि कहेंगे उसको हैमलेट किन्तु चूक गए वो अपनी करनी में रह गए वो सही विषय चुनने में|| चुना उन्होंने बशारत की कहानी को सन १९९५ में घटित एक जुबानी को किन्तु भूल गए कि कहानी है एकतरफा किसी का हाल बयान किया तो दूजा भूल गए|| …

सत्ता का सच

बहुत खुश हो लिएबहुत कर किया गुणगानकुछ दिन और रुक जाओउसके बाद करना बखान पंजा कसो, कमल उठाओया हाथी की करो सवारीसाइकिल से यात्रा करोया कहो झाडू की है बारी चाहे कुछ कर लो तुम जनतानहीं बदलना इस राष्ट्र का भाग्यजिस दल में तुम झांकोगेभ्रष्टों का ही अम्बार मिलेगा आज ये नेता देते करोडोपाने को …

बगुला भगत नेता

बैठ ताल किनारे दरख़्त सहारे देख रहा मैं मछरियों का खेला कैसे अठखेलियाँ वो करती कैसे एक एक दाने पर झपटती ऊपर शाख पर बैठ बगुला भी देख रहा था सारा खेला एक दांव में गोता लगा कर चोंच में भींच लेता मछरी क्षण भर के इस हमले से सहम सी जाती मछरिया गोता लगते …

चीन की घुसपैठ

लद्दाख में चीन की घुसपैठ पर कुछ पंक्तियाँ ——————————————– चीन से आया जो घुसपैठिया उसको लद्दाख में घर बनाए दो घर जो उसने बनाया वहाँ सरकार को बात करने दो अफसरों को और फौजियों को चुप रह सहने की सलाह दो नेताओं तो इसपर राजनीति करने दो बाबुओं को इसपर थोडा सोचने दो मंत्रीजी को …

राजनीति का खेला

देखो मेरे देश में राजनीति का खेला प्रजातंत्र में लगता है राजतंत्र का मेला यहाँ नहीं है कोई किसी का, ना गुरु ना चेला बस सत्ता की दौड़ की यहाँ होती हमेशा बेला जनता चाहे भूखो मरे, या जले उसकी चिता निताओं को केवल रहती है अपनी गद्दी की चिंता नहीं यहाँ आदमी आदमी को …