संग उसके

संग मेरे वो जो होती है लगता है मुझे ये जग न्यारा लगता है हर पल मुझे प्यारा समय बीत जाता है पलों में सारा जब वो नहीं होती संग मेरे मष्तिष्क में उसकी ही छवि होती है जब कहीं बातें उठती हैं  बिन उसके कोई बात समाप्त नहीं होती संग उसके ही दिन चढ़े  …

दिल तन्हा है

आज फिर दिल तन्हा है तेरे साथ भी तन्हा तेरे इन आंसुओं में डूबा फिल आज फिर तन्हा है जाने जैसे तुझे बताऊ कि तेरे इश्क में सराबोर दिल आज फिर तन्हा है तेरे साथ को तरसता  दिल आज फिर तन्हा है कैसे तुझे मैं यकीन दिलाऊं  कि हर पल मैं तुझे चाहता हूँ तेरे …

तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो

मेरी ज़िन्दगी में गर है अब  तो वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो ज़िन्दगी में गर कोई हो  तो खुदा करे वो तुम्ही हो तुम्ही हो तुम्ही हो  आलम-ऐ-ज़िंदगी में अब गर चाहते हैं किसीको तो ऐ जान-ऐ-वफ़ा वो तुम्ही हो, तुम्ही हो तुम्ही हो गम-ऐ-ज़िंदगी से परे साथ जिसका चाहते हैं तो ऐ …

ख्वाबों की परी

चलो जो दो कदम साथ मेरे तुम्हारे साथ से प्यार हो जाए थामो जो प्यार से हाथ मेरा तो अपने ही हाथ से प्यार हो जाए रात को जो आओ ख्वाबों में तो उस रात से हमें प्यार हो जाए जिस बात में आये ज़िक्र तुम्हारा तो उस बात से प्यार हो जाए क्या कहें …

जीवन बरखा

जीवन बरखा बन तुम आयी संग अपने खुशियों की बौछार लायी सूखे बंजर मेरे जीवन में तुम अपने सपनो का श्रृंगार लायी सजा संवार उन सपनो को जीने चला हूँ मैं अधूरे जीवन को तुम्हारे हंसी की बौछार से हरित करने चला हूँ जीवन बगिया को समेट अपनी सारी शक्ती करनी है अब जीवन भक्ती …

अधूरी कविता

अधूरी भ्रान्ति अधूरे क्षण अधूरे हैं जहाँ सारे प्रण अधूरी शांति अधूरे रण अधूरे हैं यहाँ सत्ता के कण राष्ट्र ये मेरा आज अधुरा है सत्ता के भूखों से भरा है जीवन यहाँ आज निर्बल है जनता की सोच भी दुर्बल है अधूरी सोच नेताओं की अधूरी होड़ प्रशाशन की अधुरा यहाँ हर कृत्य है …