हर किसी को नहीं मिलता

“हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार जिंदगी में”

आज सालों बाद जांबाज़ फिल्म का ये गाना सुना| इस गाने में एक कशिश है, एक दर्द है और दो दिलों के बीच परवान ना चढ़े प्यार की एक कहानी है|  गाना जितना मधुर है, इसमें उतना ही कड़वा सच है|

अक्सर हम सोचते हैं कि जिंदगी में हम जिससे प्यार करते हैं और जिसको हम चाहते हैं वो हमें क्यों नहीं मिलता?  हम भूल जाते हैं कि हम उसे चाहते हैं, पर क्या वो हमें चाहते हैं?  हम ये जानने की कोशिश नहीं करते हैं कि अगर वो हमारी खुशी है तो उनकी खुशी क्या है?  प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं है, प्यार एक बंदगी है, एक प्रार्थना है, एक इबादत है|  अगर हमें हमारा प्यार नहीं मिला तो क्या, हम जीना छोड़ देंगे? क्या हमें अपने प्यार में अपनी ही खुशी देखनी चाहिए? नहीं, प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं है| प्यार में हमें अपनी खुशियों कि कुर्बानी देने के लिए भी तैयार होना चाहिए| जिससे हम प्यार करते हैं, उसकी खुशियों की खातिर झुक कर उसके रास्ते से अलग होना और फिर भी उसे खुश देखने के लिए जीना भी अपने में एक मिसाल है|
कि नादाँ परिंदे से कोई खता नहीं हुई
पर पसारने से पहले गर 
आसमां की ऊँचाई नाप लेता
तो शायद यूँ बेआसरा ना होता वो
फ़रियाद उसकी खुदा सुन तो लेता
गर वो खुदा की नेमत ना परखता
यूँ पर पसार जिंदगी की बुलंदी ना चुनता
होंसला रख गर वो अपनी राह चलता
मायूस हुआ गर है आज परिंदा
तो उसमें खुदा की नाराजगी नहीं है
दुआ बस यही करते हैं हम आज उनसे
कि बद्दुआ ना दे किसी को सजा की

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