There had been few exchanges that we often have with each other and they can be well collated as one nice Lyrics. Here I am putting them up for the wider Audience to enjoy the creativity –
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कि पंक्तियाँ कुछ यूँ लिखी हैं की रोक नहीं पाओगे
कुछ यूँ लिखी है की बंद किताब सी पढ़ नहीं पाओगे
सुनना चाहेंगे हम कुछ आपकी ही जुबां से
कि नाम आँखों से हम यूँ ही नहीं पढ़ पाएंगे
जुबां हमारी से क्या सुनिएगा ऐ हुज़ूर
ये तो सिर्फ आरज़ू बयां करती हैं
ध्यान इस बात का कीजिएगा
कि ये तो सिर्फ हया अर्ज करती हैं
जुबां से वही कहिये ऐ शब्दों के मालिक
वो शब्द जो ये दिल-ऐ-नादाँ समझना चाहे
कि हम यूँ शब्दों को नहीं सुनते ऐ जानिब
हम तो धडकनों की आहट सुन लिया करते हैं
धड़कने हमारी आह पर भी हाल-ऐ दिल बयां नहीं करती
ऐ राहगुजर ये फकीर का दिल है किसी शायर की कलम नहीं
दिल फकीर का हो या शायर का, ज़ज्बात तो दोनों में होते हैं
कुछ जुबां से कहें कुछ आँखों से, कि कुछ दिल में छुपाए बैठे हैं
शायर का दिल तो ज़ज्बातों से मौसिकी को राह दिखता है
और दिल फकीर का खुदा की इबादत में डूबा जाता है
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I hope this compilation would make a good creative reading…signing out with the hope to hear from all who read it….
So, you changed the layout template of the blog. It's nice, more trendy.
he he, thanks Vaibhav and btw how did you like the compilation that went in and then posted as you read??