कुछ शायराना अंदाज़ – ३

हसीन  साथ हो और गर शायरी कि बात हो तो रात कुछ इस कदर गुजरती है – उनके शब्द——इरादों की कोई सीमा नहीं होती…इश्क़ की कोई तहजीब नहीं होती…बस हम कदम बन के चले संग कोई…तो कोई मंजिल कठिन नहीं होती…   हमारा  जवाब….. तहजीब न हो गर इश्क की तो उसे वासना कहते हैंइरादों … Read more

कुछ शायराना अंदाज़ – २

कुछ नायाब शायराना गुफ्तगू यूँ हुई, कि हम उसे आपसे दूर रख ना सके….. हमने लिखा – दिल को सम्हाल के रखना इस कदर कि टूटे ना वो हमारी इस कलम परशीशा नहीं है ना है वो खिलौनाअरे तेरा दिल है नहीं मिटटी का घरौंदा  उन्होंने कहा – बेहाली का आपकी सबब क्या है… यह हम नहीं … Read more

कुछ शायराना अंदाज़

एक  हसीन दोस्त कि कुछ नायाब पेशकश कुछ इस क़द्र थी – दर्द क्या होता है बताएँगे किसी रोज़,कमाल की एक ग़ज़ल सुनायेंगे किसी रोज़,उड़ने दो इन परिंदों को आज़ाद फिज़ाओ में,हमारे हुए तो लौट के आएंगे किसी रोज़…. ——————————————————————-उसपर हमारी कलम से निकले शब्द कुछ इस क़द्र हैं – सिर्फ आपकी चंद पंक्तियों ने … Read more

What is the Religion of Terrorism?

I have been often hearing the usage of terms – “Islamic Terrorism”, “Hindu Terrorism”, “Saffron Terrorism”, “Islamic Militancy”, “Hindu Militant” and so on.  Media had been actually using these words along with the political powers to skim the curiosity of the readers / listeners.  However, usage of these terms really amazes me at the Creativity … Read more

जिंदगी

गुनगुनाती सी कुछ यूँ आई मेरे सपनो मेंउसकी वो चहल कर गई घर इस दिल मेंसोचते हैं कि गर वो चली गयी जिंदगी सेकिन मायूस लम्हों से गुज़रेगी बेराग जिंदगी कि उसके ख्वाबों खयालों में खेली ये जिंदगीबिन उसके बीते यूँ इसके उदास पल राहे तन्हाई मेंतकल्लुफ बड़े उठाये यूँ बेपनाह मोहब्बत करकि हमें सिला … Read more