गुजारीश वफ़ा-ए-सनम से

गुजारिश आज आपसे है ऐ सनमदे सको तो देना खुशी न देना गमकि गम का समंदर होता बहुत गहरा हैमाझी तो छोडिये साहिल तक डूब जाता है कि गम-ऐ-उल्फत में हम ना जी सकेंगेतेरी तनहाई में जाम भी ना पी सकेंगेकि पैमाना भी जब उठाते हैंकमबख्त उसमें भी तेरा अक्स नज़र आता है सोचते हैं … Read more

गुजारिश

तुझे चाहने की सज़ा पाता हूँतेरे ही गम में अपना लहू जलाता हूँना चाहते हुए भी अक्सर तेरे अक्स मेंमैं अपनी रौशनी ढूंढें जाता हूँरोशनाई कहीँ कम ना पडेये सोच के अपने लहू सेमैं ये नज़्म लीखे जाता हूँगुजारीश करता हूँ आपसे आजना ही करो रुसवा यूं मेरी चाहत कोना झुकाओ पलकें यूंभर नफ़रत नीगाहों … Read more