भारत में पत्रकारिता का पतन

कभी सोचता हूँ की भारत में समाचार पत्रों के माध्यम से अथवा विभिन्न टीवी चैनल्स के माध्यम से हमें क्या समाचार प्रेषित होते हैं। आज का पत्रकार मेरे विचार में पत्रकार काम और भांड ज्यादा बन चूका है। एक समय था जब पत्रकारिता आजीविका का साधन तो थी, किन्तु उसमें एक सत्यवादिता थी।  आज सत्य का … Read more

आरक्षण – अवसरवादी राजनीति

सन १९४७ में भारत स्वतंत्र तो हुआ, किन्तु साथ ही शुरू हुई एक अलग ही अधीनता। यह अधीनता थी राजनितिक अधीनता जिसका शुभारम्भ तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में हुआ था। जवाहरलाल नेहरू के अनुसार पिछड़े वर्ग, अनुशुचित जाती एवं अबुसूचित जनजाति को विद्यालयों में तथा सरकारी नौकरी में कुछ प्रतिशत आरक्षण का प्रयोजन किया … Read more

Secularism in India = Minority Appeasement

Time and again at various discussions, I have said as well as maintained that Secularism in India applies only to the Hindus. The history of “Secular India” highlights that the entire tactic of Secularism is nothing but Suppressing the Hindus and appease the Minority community.  Interesting point is that it is only in India that … Read more