Poem – Hindi
अश्रुधारा
जब ह्रदय में हो पीड़ाजब मन में हो घृणादिखे हर और जब अंधियाराबहती है नैनों से अश्रुधारा नहीं हो काबू जब क्रोध परकठिन लगे जब राह हरकठोर हो अपने जैसे है धराबहती है नैनो से अश्रुधारा विचारों हो जब अतिक्रमणकरे जब मष्तिष्क अत्यधिक भ्रमणना दिखे जीवन में जोई और चाराबहती है नैनो से अश्रुधारा बहती … Read more
आँखों की ये भाषा
शब्दों के मर्म को समझो यही किताबों की भाषाआँखों के भाव को समझो यही उनकी अभिलाषाजानना किसीको नहीं है इतना कठीनचेहरा उनका सब बोलता है आँखों के अधीन लिखता नहीं मैं यूँ ही ये पंक्तियाँइनमें ही में भाव व्यक्त करताशब्दों को जो तुम पढते, समझो उनके मर्म कोआँखों में जो तुम देखते, समझो उनके कर्म … Read more
भूल ना पाती वो नाते
कुछ पंक्तियाँ यूँ लिखी किसी ने कि मन हुआ विचलित….————————————————————————————कुछ नींदें कुछ स्वप्न चुरा कर जब तुमसे करती बातें,सज जाती हैं बंद पलक पर, विगत दिनों की बरसातें,बूँद – बूँद सिमटे जाते पल भीग-भीग कर गीला मन,सुधियों की कैसी बदली जो, भूल ना पाती वो नाते ||————————————————————————————पढ़ इन पंक्तियों को विचार कुछ उमड़े ह्रदय में| … Read more
तिरंगे कि कहानी
काफी दिनों से मन में गुबार थातिरंगे की कहानी का अम्बार थाकि सोचा बहुत कैसे कहूँलेकिन दर्द ऐसा है कब तक सहूँ हुआ कुछ यूँ कि तिरंगा मिला सपने मेंकहानी थी उसकी इतनी सर्दना थी उसमें हद्दअब कैसे सहूँ में ये दर्द तिरंगा खुश होता गरउसे शहीद पर चढ़ाया जाएउसे लाल किले कि प्राचीर पर … Read more
वक़्त नहीं
आज के दौर में हर किसी को बहुत कुछ पाने कि चाह है और इस चाह में उन्हें अपनों का ध्यान नहीं, ना ही उनके पास वक़्त है अपनो के लिए| इस कविता में कवी ने उसे बड़े ही नायब तरीके से ज़ाहिर किया है| ये कविता किसने लिखी ये मुझे इल्म तो नहीं, लेकिन … Read more
शत शत नमन है उस वीर को – Tribute to the Heros of 26-11
शत शत नमन है उस वीर कोजीवन जिसने अपना बलिदान कियामातृभूमि के सम्मान मेंसर्वस्व अपना त्याग दियानिडर निर्भीक हो करशत्रु पर उसने वार कियाविजय की और अग्रसर होइसी सोच का आलाप कियाशत शत नमन है उस वीर कोमातृभूमि की रक्षा मेंजिसने जीवन का परित्याग कियाअभिनन्दन है उस वीर कोरक्त से अपने विजय तिलक जिसने मातृभूमि … Read more
युद्ध का उदगार
प्रखर प्रभद्ध ललाट पर रक्तिम तिलक की छाप हैयुद्ध को अग्रसर वीर अश्व पर सवार हैहाथ में लिए वो खडग, कृपाण, कटार है नेत्रों के उसकी मातृभूमि का सम्मान है मस्तक पर उसके रणविजय का प्रताप हैकालसर्प सी लहराती उसकी तलवार हैकटार पर उसकी विजय की धार हैबाजुओं में लिए विजय का प्रमाण है धरा … Read more
वर्षा ऋतू में जीवन का श्रृंगार हुआ
वर्षा ऋतू में क्या कहेंजीवन में हुई हलचल हैकाली इन घटाओं को देखतुम्हारी घनी लटों का आभास हुआयूँ बूंदे जब गिरी वृक्षों परतुम्हारे आलिंगन का आभास हुआनाचते मयूर को देखये ह्रदय भी पागल हुआवृक्षों से गिर जब धरती में सिमटी बूँदेंमेरे अंतर्मन में तेरे ही नाम कि पुकार हुईपानी जब पहुँचा धरातल मेंसींचा हर जड़ … Read more