मोहब्बत का परवाना

हमने दो लफ्ज क्या कहे इश्क परकि दुनिया ने हमें यूँ सुनायान हम सोच सके कि क्या है खता हमारीकि काँटों से हमारी सेज को सजायाना जानते थे कि वो लफ्ज हमारेकरेंगे हमें इस कदर रुसवाकि बेआबरू कर हमेंयूँ जार जार करेगी दुनियाकैसे कहें उनसे हम अपनी कहानीकैसे बयां करें हाल-ऐ-जिंदगानीक्या कहें कि क्या दर्द … Read more

खुशी – खुदा की नेमत

खुशी ना ढूंढ तू अपनी किसी तमन्ना मेंकि दर्द ही मिलता है इस गली जाने सेना कर तू रोशनाई को इस कदर परेशाँकि हो जाए स्याह ये खून तेरे जिगर काखुशी ढूंढनी है गर तुझे कहीं ऐ बंदे तो जा तू खुदा के घर उसकी इबादत मेंखुशी गर तुझे मिलनी है कहीं ऐ बंदेतो जा … Read more