इन्तेजार-ए-सनम

नाम गर लिखा हो सनम का शाम परजा उसके आगोश में उसका दीदार करउसकी साँसों के तरन्नुम में खो करअपने इश्क का इज़हार कर गर ना हो एतबार अपने लबों पर अपनी आँखों से तू बयान कर गर गिला हो कोई तो खुदा से अर्ज़ करमिलेगा तुझे भी सनम इंतज़ार करकि है क्या मज़ा उस … Read more

मेरा अक्स

गर खुदा ने कभी मुझसे कहा होता… रुखसत हो तू हो फारिग अपनी कलम सेमैं कहता ऐ-खुदाये कलम है मेरी ज़िन्दगी मेरी तमन्नाकि ना कर इसको जुदा तू मुझसेन कर मेरे इश्क को रुसवागर कहीं मैं हूँ कगार परतो यही है वोह मेरा अक्स….

तिरंगे कि कहानी

काफी दिनों से मन में गुबार थातिरंगे की कहानी का अम्बार थाकि सोचा बहुत कैसे कहूँलेकिन दर्द ऐसा है कब तक सहूँ हुआ कुछ यूँ कि तिरंगा मिला सपने मेंकहानी थी उसकी इतनी सर्दना थी उसमें हद्दअब कैसे सहूँ में ये दर्द तिरंगा खुश होता गरउसे शहीद पर चढ़ाया जाएउसे लाल किले कि प्राचीर पर … Read more

मर्द का दर्द

एक फिल्म बनी थी “मर्द” जिसमें अमिताभ बच्चन साहब ने कहा था मर्द को दर्द नहीं होता| किन्तु आज के माहोल में जब हम नज़र उठा कर अपने चारों और देखते हैं तो ये एहसास होता है कि मर्द को ही दर्द होता है| आप ये सोचेंगे कि कैसे?? तो सोचिये कि आज के इस … Read more

वक़्त नहीं

आज के दौर में हर किसी को बहुत कुछ पाने कि चाह है और इस चाह में उन्हें अपनों का ध्यान नहीं, ना ही उनके पास वक़्त है अपनो के लिए| इस कविता में कवी ने उसे बड़े ही नायब तरीके से ज़ाहिर किया है| ये कविता किसने लिखी ये मुझे इल्म तो नहीं, लेकिन … Read more